बांके बिहारी मंदिर: इतिहास, वास्तुकला, और दर्शन

Dharmender Singh Malik
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मथुरा के बांके बिहारी मंदिर को श्री कृष्ण और राधारानी को समर्पित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर ब्रज क्षेत्र में स्थित है, जो भगवान कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में माना जाता है। बांके बिहारी मंदिर मथुरा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और इसे दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक हर साल आते हैं।

इतिहास

बांके बिहारी मंदिर का निर्माण 18 वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर का निर्माण मथुरा के तत्कालीन शासक, ठाकुर श्री बद्रीनाथ जी ने करवाया था। मंदिर का नाम भगवान कृष्ण के एक रूप, बांके बिहारी के नाम पर रखा गया है। बांके बिहारी को एक युवा और सुंदर कृष्ण के रूप में चित्रित किया गया है, जो एक बांसुरी बजाते हुए एक पेड़ के नीचे बैठे हैं।

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वास्तुकला

बांके बिहारी मंदिर एक भव्य और सुंदर मंदिर है। मंदिर की वास्तुकला हिंदू वास्तुकला की शैली में है। मंदिर का मुख्य गर्भगृह एक विशाल चंद्राकार गुंबद से ढका हुआ है। गर्भगृह में भगवान कृष्ण और राधारानी की सुंदर मूर्तियां हैं।

दर्शन

बांके बिहारी मंदिर सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है। मंदिर में दर्शन करने के लिए कोई शुल्क नहीं है।

पहुंच

बांके बिहारी मंदिर मथुरा शहर के केंद्र में स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए बस, टैक्सी या पैदल यात्रा करके जाया जा सकता है।

नज़दीकी दर्शनीय स्थल

बांके बिहारी मंदिर के पास कई अन्य प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर
  • ISKCON मंदिर
  • गोविंद देव जी मंदिर
  • कुब्जा मंदिर
  • नंद बाबा मंदिर
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बांके बिहारी मंदिर की कुछ विशेषताएं

  • मंदिर को बांके बिहारी के नाम पर रखा गया है, जो भगवान कृष्ण के एक रूप हैं।
  • मंदिर की वास्तुकला हिंदू वास्तुकला की शैली में है।
  • मंदिर में भगवान कृष्ण और राधारानी की सुंदर मूर्तियां हैं।
  • मंदिर सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।
  • मंदिर तक पहुंचने के लिए बस, टैक्सी या पैदल यात्रा करके जाया जा सकता है।

बांके बिहारी मंदिर के बारे में कुछ रोचक तथ्य

  • मंदिर का निर्माण ठाकुर श्री बद्रीनाथ जी ने करवाया था।
  • मंदिर का मुख्य गर्भगृह एक विशाल चंद्राकार गुंबद से ढका हुआ है।
  • गर्भगृह में भगवान कृष्ण और राधारानी की सुंदर मूर्तियां हैं।
  • मंदिर को दुनिया भर में लाखों श्रद्धालु और पर्यटक हर साल आते हैं।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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