हर युग में विविध अवतार लेकर कष्ट हरते हैं गणेश

Dharmender Singh Malik
2 Min Read
डॉ दीपिका उपाध्याय

‘भगवान गणेश प्रत्येक युग में अवतरित होते हैं। सतयुग में भी महोत्कट रूप में कश्यप तथा अदिति के यहां अवतरित हुए। त्रेता युग में उन्होंने माता पार्वती की आराधना से प्रसन्न होकर उनको बाल कृष्ण से रिझाया तथा देवताओं और ऋषि मुनियों का कल्याण किया।’ श्रीगोपालजी धाम, दयालबाग में श्रीगणेश पुराण कथा का आज छठा दिन था।

गुरुदीपिका योगक्षेम फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस प्रवचन में कथा वाचक डॉ दीपिका उपाध्याय ने बताया कि माता पार्वती के द्वारा त्रिसंध्या क्षेत्र में की गई तपस्या के परिणाम स्वरुप भगवान गणेश ने बाल लीलाएं की। बाल लीला करते हुए बहुत से राक्षसों का भी वध किया। कथावाचक ने भगवान विनायक के मयूरेश अवतार का सुंदर चित्रण किया।

See also  Janmashtami: द्वारिकाधीश मंदिर में दर्शन के समय में बदलाव, नई व्यवस्था इस प्रकार रहेगी

नाग माता का ध्रुव तथा गरुड़ माता विनता के बैर की कथा सुनाते हुए बताया कि इस बैर को भगवान गणेश ने ही शांत कराया था। माता विनता के पुत्र मयूर को वाहन बनाने के कारण वह मयूरेश कहलाए और उन्होंने शेषनाग के बंधन में पड़े संपाति, जटायु आदि को मुक्त कराया। यही नहीं भगवान गणेश ने वासुकी तथा शेषनाग को अपने आभूषण रूप में स्वीकार किया।

भगवान गणेश के अस्त्र-शस्त्र सूर्य के तेज से निर्मित हैं, इस प्रसंग को सुनाते हुए कथावाचक ने भगवान सूर्य तथा देवी संज्ञा का प्रसंग सुनाया कि किस प्रकार सूर्य के तेज से भगवान शिव का त्रिशूल, भगवान विष्णु की कौमोदकी गदा तथा भगवान गणेश के परशु, पाश, अंकुश आदि बने हैं।

See also  शिष्या के साथ दुष्कर्म मामले में आसाराम को आजीवन करावास

फाउंडेशन के निदेशक रवि शर्मा ने बताया कि कल कथा का पूर्ण विश्राम होगा तथा इस अवसर पर राधाअष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा।
इस अवसर पर श्याम सुंदर बवेजा, अनुज गुप्ता, नीलम गौतम, मंजु बवेजा, देवेंद्र गोयल, दीपा लश्करी, वीना कालरा, कान्ता शर्मा आदि उपस्थित रहे। भजन कीर्तन की व्यवस्थाएं वरदान उपाध्याय ने संभाली।

See also  मनुष्य ईश्वर के द्वारा बनाई गई सबसे सुंदर रचना है - मुकेशानंद महाराज
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement