उप्र के गोरखपुर में जमीन फाड़कर प्रकट हुई काली माता की प्रतिमा

Manisha singh
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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक ऐसा मंदिर है, जहां जमीन से काली माता की प्रतिमा प्रकट हुई थी। इस मंदिर की मान्यता बहुत पुरानी है और यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

मंदिर का इतिहास:

मंदिर के इतिहास के अनुसार, आज के गोलघर का यह हिस्सा कभी पुरदिलपुर गांव हुआ करता था। उस समय यह गांव जंगल में था। एक दिन एक ग्रामीण ने नीम के पेड़ के नीचे एक मुखौटा देखा। उसने उसे उठाकर घर ले गया। लेकिन रात में मुखौटा वापस उसी स्थान पर आ गया। इस घटना के बाद ग्रामीणों ने उस स्थान पर चबूतरा बनाकर पूजा अर्चना शुरू कर दी।

एक दिन उसी स्थान पर जमीन फाड़कर काली माता की प्रतिमा प्रकट हुई। इस घटना के बाद इस स्थान पर मंदिर बनवाया गया। इस मंदिर का जिक्र आईने-गोरखपुर की किताब में भी मिलता है।

मंदिर का महत्व:

काली माता को शक्ति और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर में काली माता की प्रतिमा बहुत ही भव्य है। मंदिर के गर्भगृह में माता की प्रतिमा के ठीक सामने स्वयंभू मुखौटा भी रखा हुआ है।

मंदिर में नवरात्रि के दौरान विशेष आयोजन होता है। इस दौरान यहां मेला लगता है और लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

गोरखपुर का यह मंदिर काली माता के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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Manisha Singh is a freelancer, content writer,Yoga Practitioner, part time working with AgraBharat.
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