आगरा : सफेद गोली का काला कारोबार

सौरभ शर्मा

शनिवार को आगरा में ANTF और ड्रग विभाग ने अब तक का सबसे बड़ा छापा मार कर पाँच करोड़ की नशीली और नकली दवा बनाने वाले गैंग का पर्दा फ़ाश किया हैं ये कार्यवाही 35 घंटे तक लगातार चली । रेड पूरी होने के बाद जाँच में खुलासा हुआ कि पांच करोड़ की दवाएं और एक करोड़ की मशीनें थी जो जप्त कर सील कर दी हैं।

शनिवार को शुरू हुई कार्यवाही में रविवार को थाना सिकंदरा स्थित पाराशर गार्डन और जगदीशपुरा थाने के अंतर्गत मिली नशीली दवाओं की दोनों फैक्टरियों को दवा बनाने के सभी मशीनों सहित सीज कर दिया है। समस्त सामान की कीमत लगभग 6 करोड़ रूपये है, तथा 107 प्लास्टिक के बोरों में रखी सामिग्री को सीजर कर थाने में जमा करा दिया। मौके से नकद आठ लाख तीस हजार रूपये, दो गाड़ियां भी पकड़ी हैं। कुल सात अभियुक्त रेखा गोयल, सनी, अजीत पाराशर, मुकेश कुमार, रोहित सहित नरेश शर्मा सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी, एनडीपीएस सहित औषधि अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा।दवा और सिरप के 29 नमूने जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला लखनऊ भेजे गए।

सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि टीम में आगरा से ड्रग इंस्पेक्टर नवनीत कुमार, कपिल शर्मा, मैनपुरी से दीपक कुमार, फिरोजाबाद से देशबंधु विमल, एटा से सुनील कुमार और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स सहित क्षेत्रीय पुलिस की संयुक्त टीम ने छापा डाला। आगरा कैंट पार्सल कक्ष और दोनों फैक्टरियों में कुल 9 तरह की दवाएं और कफ सिरप मिले हैं। इनमें 7 तरह कोडीन सिरप और दो तरह की एल्प्राजोलम (एल्प्रासेल-एल्जोसेफ 0.5 एमजी) मिली हैं। लड़ामदा फैक्टरी से 18, सिकंदरा की फैक्टरी से 10 और आगरा कैंट स्टेशन से एक नमूना है।

7 साल में 230 करोड़ की दवाएं जब्त

ड्रग विभाग , एंटी नर्कोटिक की ताबड़तोड़ छापों ने नेटवर्क की तोड़ी कमर

7 साल में 230 करोड़ की दवाएं जब्त कर ड्रग विभाग, एंटी नर्कोटिक ने तस्करों और नकली दवा व नशीली खेप बनाने वाले नेटवर्क की कमर तोड़ दी हैं। ताबड़तोड़ कार्यवाही लगातार होने से अपराधियों में भय हैं। यहां से तीन अंतरराज्यीय गैंग पकड़े जा चुके हैं।

2021: गढ़ी भदौरिया में सर्जिकल सामान की चार मंजिला अवैध फैक्टरी पकड़ी। संचालक राजन अग्रवाल था।

2021: आवास विकास कॉलोनी निवासी सुधीर राजौरा, प्रदीप राजौर और मथुरा के सौरभ का एक्सपायर्ड दवाओं की री-पैकिंग की फैक्टरी व गोदाम पकड़ा।

2020: नशे की दवाओं की कालाबाजारी पकड़ी, कमला नगर निवासी विक्की अरोड़ा और कपिल अरोड़ा के दो गोदाम भी सील।

2020: कमला नगर निवासी पंकज गुप्ता का अंतरराज्यीय गैंग पकड़ा, नकली, नशे की और सरकारी दवाओं की कालाबाजारी करता था।

2020: शास्त्रीपुरम में दो घरों में बने अवैध गोदाम में 50 लाख रुपये की नकली दवाएं पकड़ीं।

2019: निबोहरा में सात लाख रुपये की कीमत के नकली इंजेक्शन और एंटीबायोटिक दवाएं जब्त कीं।

2019: राजस्थान पुलिस ने गर्भपात की नकली दवाओं की किट पकड़ीं।

2018: पंजाब एसटीएफ ने 17 लाख रुपये के कफ सिरप जब्त किए।

2018: फ्रीगंज में नारकोटिक्स की टीम ने दो गोदामों में दवाओं का जखीरा पकड़ा।

30 दिन से की जा रही थी रेकी

एएनटीएफ के सीओ इरफान नासिर को आगरा में नकली टैबलेट और कफ सिरप बनाने की जानकारी हुई। उसके बाद 30 दिन तक टीम ने इनकी रेकी कर सभी गोपनीय जानकारी ली और ऑपरेशन को अन्जाम दिया गया।

कोडीन सिरप की बिक्री पर रोक

जून 2023 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली कोडीन सिरप सहित 14 दवाओं की बिक्री और निर्माण पर रोक लगा दी । फेंसेडिल सहित चार तरह के कोडीन युक्त सिरप पर रोक लगने के बाद से इनकी मांग और बढ़ गई थी।

रेडी टू सर्व बेबरेज भी पाया गया

नकली /नशीली दवा की फैक्टरी में केवल दवा ही नहीं पानी की बोतल भी मिली। 100 एम एल की बोतल 10 रुपये एम आर पी पर बेचने के लिए थी । पानी के पाउच भी हजारों की संख्या में रखे थे। खाद्य एवं औषधि विभाग ने नमूने भर कर जांच को भेजे।

जिला अभिहित अधिकारी ने बताया कि सौ एम एल की 1366 बोतल मिली। इनकी कीमत 13 हजार रूपये से अधिक थी। राजेश इंटरप्राइजेज दहतोरा का लेबल लगा था। साथ ही 3 हजार पानी के पाउच जिनकी कीमत 6 हजार रूपये होगी।

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