बड़े बजट की फिल्मों से भी कम लागत में तैयार ‎किया है चंद्रयान-3

बेहतर प्रबंधन से ही भारत अपने अंतरिक्ष अभियानों को रख पाता है किफायती

नई दिल्ली । इस समय सभी की ‎निगाहें भारत के महत्वाकांक्षी ‎‎मिशन चंद्रयान-3 पर टिकी हुई हैं। ले‎किन बेहतर प्रबंधन और दूरद‎र्शिता के चलते यह ‎मिशन इतना ‎किफायती है ‎‎कि एक बड़े बजट की ‎फिल्म से भी कम खर्चा आया है। बता दें ‎कि चंद्रमा की ओर जाने वाला अंतरिक्ष यान 23 अगस्त को शाम लगभग 6.04 बजे उतरने के लिए तैयार है।

चंद्र मिशन पर यह भारत का तीसरा प्रयास है और जबकि चंद्रयान -3 अपने पूर्ववर्ती चंद्रयान -2 की तुलना में बड़ा और बेहतर है, यह आश्चर्यजनक रूप से सस्ता है। इसमें खर्च होने वाले बजट पर एक नजर डालें तो ये बड़ी बजट की फिल्मों से भी सस्ता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपनी परियोजनाओं की लागत को कम करने का श्रेय बेहतर मैनेजमेंट को देता है।

बता दें ‎कि चंद्रयान-2 मिशन फेल होने के बाद भारत ने चंद्रयान-3 की घोषणा की। इसके 2021 में लॉन्च होने की उम्मीद थी लेकिन COVID-19 महामारी के कारण देरी हुई और अंतरिक्ष यान ने 14 जुलाई को उड़ान भरी। अब जैसे-जैसे यह चंद्रमा के करीब पहुंच रहा है, इतिहास बन रहा है। सफल होने पर, भारत उपग्रह के जोखिम भरे और अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा।

खर्च की बता करें तो भारत अन्य देशों की तरह चंद्र अन्वेषण पर सैकड़ों अरबों डॉलर खर्च नहीं कर रहा है। चंद्रयान-3 के कई दिलचस्प पहलुओं में से एक इसकी लागत है। इस परियोजना पर अनुमानित 615 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और इसे देश के सबसे लागत प्रभावी अंतरिक्ष मिशनों में से एक कहा जाता है। 2020 में इसरो के पूर्व प्रमुख के सिवन ने कहा था कि चंद्रयान-3 की लागत करीब 615 करोड़ रुपये है।

लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की लागत 250 करोड़ रुपये और लॉन्च सेवाओं की लागत लगभग 365 करोड़ रुपये है। बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों का बजट चंद्रयान-3 से कहीं ज्यादा बड़ा है। टॉम क्रूज़ के मिशन: इम्पॉसिबल – डेड रिकॉकिंग पार्ट वन का बजट 2,386 करोड़ रुपये ( 290 मिलियन) था और प्रभास और कृति सनोन-स्टारर आदिपुरुष का बजट 700 करोड़ रुपये है। दिलचस्प बात यह है कि चंद्रयान-2 की लागत चंद्रयान-3 से भी ज्यादा है।

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