फैज़ान खान
आगरा। चर्चाओं में रहने वाली आगरा ट्रैफिक पुलिस के किस्से तो तमाम सुने होंगे लेकिन एक किस्सा हम भी आपको सुनाने जा रहे है। पूरा मामला रविवार करीब शाम 7 बजे आगरा खेरिया मोड चौराहे का है। ट्रैफिक पुलिस कर्मी अशोक कुमार खेरिया मोड चौराहे पर ड्यूटी कर रहे थे। ट्रैफिक पुलिस कर्मी की नजर उस बच्चे पर पड़ी। कुछ अटपटा सा लगा तो बच्चे के पास गए। बच्चे से इस तरह से भटकने की वजह पूछी तो वह और घबरा गय। वह कुछ बता नही पाय। ट्रैफिक पुलिस कर्मी अशोक कुमार ने उस बच्चे को अपने पास ही खेरिया मोड चौराहे पर करीब 2 घंटे बैठा कर रखा और उससे खाने-पानी की वयवस्था की। बच्चे से आगरा आने की वजह जानने की कोशिश।
ड्यूटी खत्म होने के बाद थाना शाहगंज की चौकी सराय ख्वाजा पर बच्चे को ले गए। चौकी पर मौजूद पुलिसकर्मी की रेख देख में बच्चे को छोड़ आए। चौकी से पुलिसकर्मियों ने बच्चे को भगा दिया। बच्चा फिर सड़क पर इधर उधर भटकने लगा। पुनः ट्रैफिक पुलिसकर्मी अशोक कुमार ने बच्चे को भटकते देखा ।
सराय ख्वाजा पुलिस चौकी की उदासीनता से हो सकती थी अनहोनी
पुलिसकर्मी की लापरवाही की वजह से बच्चे के साथ कुछ अनहोनी घट जाती तो इसका जिम्मेदार आखिर कौन होता ? जहाँ एक ओर एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद भी वह उस बच्चे के लिए फिक्रमंद नजर आए और दूसरी तरफ चौकी में मौजूद पुलिसकर्मियों ने बच्चे को बहार क्यों निकल दिया ।
ट्रैफिक पुलिस कर्मी अशोक बच्चे को फिर से चौकी पर ले गए। इस बार चौकी प्रभारी मांगेराम उन्हे मिले और पूरे मामले की जानकारी दी पूरा मामला जानने के बाद सराय ख्वाजा चौकी प्रभारी मांगेराम ने तत्काल ही बच्चे से बात की और जानकारी जुटाई।
माता पिता की लड़ाई से तंग आकर दिल्ली से आया आगरा
लड़के ने बताया वह दिल्ली का रहने वाला है। घर पर माता और पिता की लड़ाई से तंग आने के बाद वह आगरा अपनी बुआ के घर आया था। लेकिन वह घर का पता भूल गया। बच्चे की उमर करीब 12 वर्ष है।
चौकी इंचार्ज की मुस्तैदी से मासूम पंहुचा अपने के बीच
बच्चे ने चौकी प्रभारी मांगेराम को दिल्ली का रहने वाला बताया तो उन्होने दिल्ली स्थितः अपने मित्र को सबसे पहले उस बच्चे का फोटो भेजा और उनसे उस मोहल्ले में जाकर पता करने का अनुरोध किया। लगभग एक घंटे के अंतराल में कामयाबी मिली और बच्चे के परिजनों से बात हो गई। पूरा मामला बताया गया और आगरा में लड़के के पिता की बहन का मोबाइल नो मिल गया। लड़के की बुआ को फ़ोन करने पर ज्ञात हुआ की उसकी माँ भी उनके पास ही है। दोनों ने चौकी पर आकर बच्चे की सुपुर्दगी ले ली और चौकी इंचार्ज का धन्यवाद दिया।