खालिस्तान और कनाडा का संबंध

Dharmender Singh Malik
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खालिस्तान एक अलगाववादी आंदोलन है जो भारत के पंजाब राज्य के लिए एक स्वतंत्र सिख राष्ट्र की मांग करता है। यह आंदोलन 1970 के दशक में शुरू हुआ और 1980 के दशक में अपने चरम पर पहुंच गया।

कनाडा में खालिस्तान समर्थक आंदोलन भी सक्रिय है। कनाडा में दुनिया के सबसे बड़े भारतीय प्रवासी समुदायों में से एक है, और इसमें एक बड़ा सिख आबादी भी शामिल है। कुछ खालिस्तान समर्थक कनाडा में रहते हैं और यहां से आंदोलन का नेतृत्व करते हैं।

कनाडा सरकार खालिस्तान समर्थक आंदोलन को मान्यता नहीं देती है और हिंसा को खारिज करती है। हालांकि, भारत का आरोप है कि कनाडा सरकार इस आंदोलन को समर्थन दे रही है।

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खालिस्तान समर्थक आंदोलन की गतिविधियां

कनाडा में खालिस्तान समर्थक आंदोलन की गतिविधियों में शामिल हैं:

  • खालिस्तान के लिए समर्थन बढ़ाने के लिए सार्वजनिक सभाओं और प्रदर्शनों का आयोजन करना
  • खालिस्तान समर्थक साहित्य और सामग्री का प्रकाशन और वितरण करना
  • खालिस्तान समर्थक वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का संचालन करना
  • खालिस्तान समर्थक समूहों और संगठनों का समर्थन करना

भारत और कनाडा के बीच संबंधों पर प्रभाव

खालिस्तान समर्थक आंदोलन भारत और कनाडा के बीच संबंधों पर तनाव पैदा कर रहा है। भारत का आरोप है कि कनाडा सरकार इस आंदोलन को समर्थन दे रही है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है।

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भविष्य की दिशा

खालिस्तान समर्थक आंदोलन के भविष्य के बारे में अनिश्चितता है। कुछ विश्लेषकों का मानना ​​है कि आंदोलन कमजोर हो रहा है, जबकि अन्य का मानना ​​है कि यह मजबूत हो सकता है।

यदि खालिस्तान समर्थक आंदोलन मजबूत होता है, तो यह भारत और कनाडा के बीच संबंधों को और तनावग्रस्त कर सकता है। दोनों देशों को इस मुद्दे को हल करने के लिए एक साथ काम करने की आवश्यकता होगी।

खालिस्तान समर्थक आंदोलन भारत और कनाडा के बीच संबंधों के लिए एक चुनौती है। दोनों देशों को इस मुद्दे को हल करने के लिए एक साथ काम करने की आवश्यकता होगी।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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