पुतिन ने अपने टेलीविज़न संबोधन में कहा कि आंशिक लामबंदी का उद्देश्य “मुक्तिबोध वाले क्षेत्रों” की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि रूस केवल उन लोगों को लामबंद करेगा जिनके पास सैन्य अनुभव है और जो आवश्यक प्रशिक्षण से गुजरेंगे।
पुतिन के इस कदम से रूस-यूक्रेन युद्ध की तीव्रता और बढ़ने की आशंका है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने पुतिन के फैसले को “युद्ध के लिए एक खुला और पूर्ण हमला” बताया है।
रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा है कि आंशिक लामबंदी के तहत लगभग 300,000 र riservists को लामबंद किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आंशिक लामबंदी कुछ सप्ताह तक चलेगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध ने यूरोप में सबसे बड़ा शरणार्थी संकट पैदा किया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अब तक 6.8 मिलियन से अधिक यूक्रेनियन अपने देश से भाग चुके हैं।
युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला है। ऊर्जा और खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई है और वैश्विक आर्थिक वृद्धि में कमी आई है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का कोई आसान समाधान नहीं है। युद्ध के समाप्त होने के लिए दोनों देशों को बातचीत की टेबल पर वापस आना होगा।