राजस्थान जल रहा है, करौली कलेक्टर कश्मीर की वादियों में! मुख्य सचिव ने लगाई फटकार

Anil chaudhary
3 Min Read
राजस्थान जल रहा है, करौली कलेक्टर कश्मीर की वादियों में! मुख्य सचिव ने लगाई फटकार

जयपुर/करौली: राजस्थान में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है, जहां आम जनता बिजली और पानी की किल्लत से त्रस्त है। इस चुनौतीपूर्ण समय में, करौली जिले के कलेक्टर नीलाभ सक्सेना अपनी ‘जरूरी काम’ की छुट्टी का आनंद जम्मू-कश्मीर की ठंडी वादियों में लेते हुए पाए गए।

यह तब सामने आया जब मुख्य सचिव (Chief Secretary) सुधांश पंत ने राज्य में बिजली और पानी की गंभीर समस्याओं को लेकर करौली और सवाई माधोपुर के कलेक्टरों की एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक बुलाई। इस बैठक के दौरान, कलेक्टर नीलाभ सक्सेना को गर्म कपड़ों में देखा गया, और उनके व्यवहार से मुख्य सचिव को कुछ असामान्य लगा।

सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कलेक्टर सक्सेना से उनकी वर्तमान लोकेशन के बारे में पूछा। जैसे ही नीलाभ सक्सेना ने जम्मू-कश्मीर का नाम लिया, मुख्य सचिव का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने बीच मीटिंग में ही कलेक्टर सक्सेना को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, “आपने जरूरी काम के लिए होम टाउन जाने की छुट्टी ली थी। यदि आपने अपनी कश्मीर यात्रा की जानकारी पहले दी होती, तो आपकी छुट्टी निश्चित रूप से रद्द कर दी जाती।”

See also  बाइक रैली से तिरंगामय हुआ कस्बा, चेयरमैन प्रवीना सिंह ने दिखाई हरी झंडी

मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कलेक्टर सक्सेना के इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “जब करौली जिले के लोग भीषण गर्मी में बिजली और पानी जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं, तब आप ठंडी वादियों में छुट्टियां मना रहे हैं। यह अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार है, जो आपकी प्रशासनिक संवेदनशीलता और जनता के प्रति आपकी जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े करता है।”

मुख्य सचिव की इस तीखी फटकार के बाद कलेक्टर नीलाभ सक्सेना पूरी तरह से हक्के-बक्के रह गए और उनके पास अपनी इस हरकत का कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। प्रशासनिक हलकों में माना जा रहा है कि मुख्य सचिव की इस कड़ी नाराजगी के बाद कलेक्टर नीलाभ सक्सेना पर गाज गिर सकती है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

See also  बड़े विद्यालयों में अब श्रमिकों के बच्चे भी पढ़ेंगे - राजकुमार चाहर

यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब राजस्थान के कई जिले प्रचंड गर्मी और पानी की कमी से जूझ रहे हैं, और सरकार पर इन समस्याओं से निपटने का भारी दबाव है। एक जिम्मेदार जिला कलेक्टर का इस तरह से अपने कर्तव्यों से विमुख होकर छुट्टी का आनंद लेना निश्चित रूप से प्रशासन की छवि को धूमिल करता है और जनता के बीच आक्रोश पैदा कर सकता है। अब देखना होगा कि इस मामले में राज्य सरकार क्या कदम उठाती है।

See also  मथुरा में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' का पहला चरण सफल: लाखों किसानों को मिली आधुनिक खेती और पशुपालन की जानकारी
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement