निशिकांत दुबे का नया हमला: पूर्व CEC एसवाई कुरैशी को बताया ‘मुस्लिम आयुक्त’, वक्फ अधिनियम पर छिड़ा विवाद

Dharmender Singh Malik
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नई दिल्ली: झारखंड की गोड्डा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे अपने विवादित बयानों के लिए एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना पर हमला बोलने के बाद, अब उन्होंने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) एसवाई कुरैशी को निशाना बनाया है। दुबे ने कुरैशी को “चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त” बताया है।

कुरैशी की पोस्ट पर दुबे का पलटवार

दरअसल, एसवाई कुरैशी ने वक्फ अधिनियम को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट की थी। उन्होंने वक्फ अधिनियम को “मुस्लिम भूमि हड़पने के लिए सरकार की एक भयावह और बुरी योजना” बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्हें विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर सवाल उठाएगा।

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कुरैशी की इस पोस्ट पर निशिकांत दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कमेंट करते हुए लिखा, “आप चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त थे। झारखंड के संथालपरगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोटर सबसे ज्यादा आपके कार्यकाल में ही बनाया गया।

इतिहास और बंटवारे का जिक्र

दुबे ने आगे लिखा, “पैगंबर मुहम्मद साहब का इस्लाम भारत में 712 में आया, उससे पहले तो यह जमीन हिंदुओं की या उस आस्था से जुड़ी आदिवासी, जैन या बौद्ध धर्मावलंबियों की थी। मेरे गांव विक्रमशिला को बख्तियार खिलजी ने 1189 में जलाया, विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने दुनिया को अतिश दीपांकर के तौर पर पहला कुलपति दिया। इस देश को जोड़ो, इतिहास पढ़ो, तोड़ने से पाकिस्तान बना, अब बंटवारा नहीं होगा?”

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सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई पर पहले भी साधा निशाना

गौरतलब है कि निशिकांत दुबे ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई संजीव खन्ना पर भी तीखे हमले किए थे। उन्होंने कहा था कि देश में “धार्मिक युद्धों को भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट ही जिम्मेदार है।” उन्होंने यह भी कहा था कि “अगर हर बात पर सुप्रीम कोर्ट जाना है, तो संसद और विधानसभा को बंद कर देना चाहिए।” दुबे ने सीजेआई संजीव खन्ना को “देश में गृह युद्ध जैसे हालात” के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

निशिकांत दुबे के इन बयानों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। वक्फ अधिनियम को लेकर छिड़ा यह विवाद अब और भी तूल पकड़ता जा रहा है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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