नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले ने पूरे भारत को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस कायरतापूर्ण कृत्य के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ अब तक का सबसे कठोर रुख अपनाते हुए ताबड़तोड़ बड़े फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की आपातकालीन बैठक के पश्चात विदेश मंत्रालय ने एक ऐतिहासिक ऐलान किया कि सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।
पाकिस्तान को मिला करारा जवाब, पानी पर लगा ब्रेक
विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बड़े फैसले की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सिंधु जल समझौता अब समाप्त कर दिया गया है। अब पाकिस्तान को भारत के पानी की आपूर्ति पहले की तरह नहीं होगी। यह फैसला पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसकी कृषि और अर्थव्यवस्था काफी हद तक सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है।
पाकिस्तानियों को देश छोड़ने का अल्टीमेटम
भारत ने इसके साथ ही देश में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। उन्हें अगले 48 घंटों के भीतर भारत छोड़ने का सख्त आदेश जारी किया गया है। यह कदम सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिशों के बाद उठाया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
वाघा-अटारी बॉर्डर सील, पाक उच्चायोग खाली करने का निर्देश
भारत ने पाकिस्तान के साथ लगती अपनी सीमा पर भी कड़ा रुख अपनाया है। वाघा-अटारी बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से पूरी तरह से सील कर दिया गया है और सभी प्रकार की आवाजाही रोक दी गई है। इसके अलावा, भारत में स्थित पाकिस्तान के उच्चायोग को एक सप्ताह के भीतर खाली करने का सख्त निर्देश दिया गया है। यह राजनयिक संबंधों में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
विदेश सचिव का स्पष्ट संदेश: यह युद्ध सरीखा हमला, अब होगा निर्णायक बदला
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अपनी प्रेस वार्ता में स्पष्ट शब्दों में कहा कि पहलगाम की बर्बर घटना को भारत एक युद्ध के समान हमला मानता है। उन्होंने दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि अब सिर्फ निंदा नहीं की जाएगी, बल्कि इस कायराना हरकत का निर्णायक बदला लिया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को हर स्तर पर इस कृत्य का जवाब दिया जाएगा।
सार्क वीजा छूट योजना समाप्त
भारत ने पाकिस्तान के लिए एक और कड़ा फैसला लेते हुए सार्क वीजा छूट योजना को भी तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही, अतीत में पाकिस्तानियों को जारी किए गए सभी वीजा स्वतः ही रद्द माने जाएंगे।
सेना अलर्ट पर, सीमा पर बढ़ी हलचल
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तीनों सेनाओं के प्रमुखों और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के साथ उच्च स्तरीय बैठक की और उन्हें उच्चतम स्तर की सतर्कता बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए हैं। नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात भारतीय सेना को किसी भी आवश्यक कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार रहने को कहा गया है।
क्यों लिया गया यह ऐतिहासिक फैसला?
पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। आतंकवादियों ने पहचान पूछ-पूछ कर गोलियां बरसाईं और मासूम बच्चों तक को नहीं बख्शा। इस निर्ममता के बाद पूरे देश में भारी आक्रोश व्याप्त है। अब भारत ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि आतंक और उसके समर्थकों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई जाएगी, बल्कि इस कायराना कृत्य का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “सीसीएस ने समग्र सुरक्षा स्थिति की गहन समीक्षा की और सभी सुरक्षा बलों को उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया है। यह संकल्प लिया गया है कि इस हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को हर हाल में जवाबदेह ठहराया जाएगा। तहव्वुर राणा के हालिया प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन सभी लोगों की तलाश में अपने निरंतर प्रयास जारी रखेगा जिन्होंने आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया है या उन्हें संभव बनाने की साजिश रची है।” भारत के इन कठोर कदमों से पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बढ़ना तय माना जा रहा है।