वृंदावन। (विशेष संवाददाता)। अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर आज वृंदावन स्थित ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। साल में एक बार होने वाले ठाकुरजी के चरण दर्शन के लिए श्रद्धालु सुबह से ही बड़ी संख्या में मंदिर परिसर में एकत्रित होने लगे थे।
आज सुबह छह बजे जैसे ही मंदिर के पट खुले, भक्तों का उत्साह देखते ही बना। सुनहरे श्रृंगार और केसरिया पोशाक धारण किए ठाकुर बांकेबिहारी, हीरे एवं जवाहरात से जड़े कटारे-टिपारे पहने हुए अपने भक्तों को दुर्लभ चरण दर्शन दे रहे थे। इस अलौकिक दृश्य को देखकर भक्त भावविभोर हो गए और मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा।
आराध्य के चरणों की एक झलक पाने के लिए आतुर भक्तों की भीड़ इतनी अधिक थी कि मंदिर परिसर खचाखच भर गया। मंदिर के अंदर पहुंचे श्रद्धालु ठाकुरजी के चरणों के दर्शन कर अपनी सुधबुध खो बैठे, वहीं बाहर प्रतीक्षा कर रहे भक्त भी दिव्य झांकी के दर्शन के लिए उत्सुक दिखे।
भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने भी विशेष व्यवस्थाएं की थीं। विद्यापीठ और जुगलघाट से कतारबद्ध होकर श्रद्धालु रेलिंग के अंदर से ही मंदिर तक पहुंच रहे थे। गर्मी के मौसम में श्रद्धालुओं को नंगे पैर चलने में परेशानी न हो, इसके लिए मंदिर आने वाले रास्तों पर कारपेट बिछाए गए थे और जगह-जगह पंखे व कूलर लगाए गए थे, जिससे भक्तों को मंदिर पहुंचने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़ा।
अक्षय तृतीया पर ठाकुर बांकेबिहारी के चरण दर्शन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन आराध्य के चरणों के दर्शन करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही कारण है कि इस दुर्लभ दर्शन के लिए दूर-दूर से लाखों भक्त वृंदावन पहुंचे और ठाकुरजी के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की। आज पूरे दिन मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा।