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झांसी: बाल विवाह की रोकथाम के लिए धर्मगुरुओं ने संभाली कमान

Dinesh Vashishtha
4 Min Read
झांसी: बाल विवाह की रोकथाम के लिए धर्मगुरुओं ने संभाली कमान

झांसी (सुल्तान आब्दी)। झांसी जिले में बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान ने एक अनूठी पहल की है। संस्थान ने बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले धर्मगुरुओं के बीच एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया है, जिसे उल्लेखनीय सफलता मिली है।

बाल अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कार्यरत देश के सबसे बड़े नागरिक समाज संगठनों के नेटवर्क, जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के झांसी स्थित सहयोगी संगठन बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान ने अक्षय तृतीया और विवाह के मौसम को ध्यान में रखते हुए यह अभियान शुरू किया था। झांसी के सिद्धेश्वर मंदिर में आचार्य श्री हरिओम पाठक की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई गई। इस अभियान में आचार्य श्री श्याम विहारी गुप्ता, माननीय अध्यक्ष गौ सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश सरकार, और आचार्य श्री अविनाश श्री महाप्रभु रामलला सिद्धयोग मार्तण्डपीठ प्रभुरामलला धाम झांसी ने विशेष रूप से अपनी सहभागिता दी। सभी धर्मगुरुओं ने इस पहल की सराहना करते हुए अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है।

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बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान के निदेशक वासुदेव सिंह ने इस अवसर पर कहा कि चूंकि कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी जैसे धार्मिक व्यक्ति के बिना संपन्न नहीं हो सकता, इसलिए संस्थान ने उन्हें बाल विवाह के खिलाफ इस महत्वपूर्ण अभियान से जोड़ने का निर्णय लिया। इस प्रयास के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और उम्मीद है कि इस अक्षय तृतीया पर जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होगा। आज जिले के कई मंदिरों और मस्जिदों के बाहर ऐसे बोर्ड लगाए गए हैं जिन पर स्पष्ट रूप से लिखा है कि यहां बाल विवाह की अनुमति नहीं है। यह उल्लेखनीय है कि जेआरसी 2030 तक देश से बाल विवाह को पूरी तरह से समाप्त करने के लक्ष्य के साथ ‘चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया कैम्पेन’ चला रहा है। अक्षय तृतीया के अवसर पर विभिन्न धर्म स्थलों पर पंडितों और मौलवियों द्वारा बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई गई।

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वासुदेव सिंह ने आगे बताया कि संस्थान ने 2024-2025 में स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग और समन्वय स्थापित करके कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझाकर 323 बाल विवाहों को सफलतापूर्वक रुकवाया है। यह संगठन 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जेआरसी के संस्थापक भुवन ऋभु की पुस्तक ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन रू टिपिंग प्वाइंट टू इंड चाइल्ड मैरेज’ में सुझाई गई समग्र रणनीति पर कार्य कर रहा है।

सिद्धेश्वर मंदिर के आचार्य श्री हरिओम पाठक ने कहा कि वे सभी मिलकर झांसी को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे और इस अभियान को व्यापक रूप देकर 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के सपने को साकार करने में सफलता प्राप्त करेंगे।

माननीय अध्यक्ष गौ सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश सरकार, आचार्य श्री श्याम विहारी गुप्ता ने कहा कि बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान और प्रशासन को जोड़कर व्यापक रूप से इस अभियान की सफलता के लिए कार्य किया जाएगा। जागरूकता ही बाल विवाह जैसे गंभीर अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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श्री महाप्रभु रामलला सिद्धयोग मार्तण्डपीठ प्रभुरामलला धाम के आचार्य श्री अविनाश श्री ने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए अपना पूर्ण समर्थन दिया और कहा कि बाल विवाह के खिलाफ सभी धर्मों के धर्मगुरुओं को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। सभी के সম্মিলিত प्रयासों से निश्चित रूप से आने वाले समय में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

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