ततरई में बिजली पोल को लेकर विवाद, मारपीट और तमंचे की धमकी का आरोप; एक माह बाद दर्ज हुई एफआईआर पीड़ित बोला- घरेलू काम में व्यस्त था, इसलिए देरी हुई, ग्रामीणों को नहीं हजम हो रहा पीड़ित का जवाब

Pradeep Yadav
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जैथरा (एटा)। जैथरा थाना क्षेत्र के गांव ततरई में बिजली का पोल लगाने को लेकर उपजा विवाद अब थाने तक पहुंच चुका है। आरोप है कि विरोध के चलते मारपीट हुई और तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी दी गई। हैरानी की बात यह है कि घटना को एक महीना बीत चुका है और अब जाकर एफआईआर दर्ज हुई है।

पीड़ित अखिलेश पुत्र बहादुर सिंह निवासी ततरई ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि गांव के ही कविश पुत्र रामनरेश उर्फ रिखी चंद्र ने उनके चाचा के घर के पास लगाए जा रहे बिजली के पोल का विरोध किया। जब उसे समझाने की कोशिश की गई तो मामला बिगड़ गया।

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आरोप है कि कविश ने चाचा के घर से डंडा उठाकर अखिलेश के साथ मारपीट की और फिर तमंचा निकालकर जान से मारने की धमकी देकर वहां से चला गया।

एक महीने बाद थाने पहुंचे पीड़ित ने बताया अनोखा कारण

एफआईआर दर्ज कराने में देरी पर जब सवाल किया तो अखिलेश ने बताया कि वह घरेलू कार्यों में इतना व्यस्त था कि थाने आने का समय ही नहीं मिल पाया।

हालांकि, अब क्षेत्र में यही बात चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतनी गंभीर घटना के बाद भी शिकायत दर्ज कराने में इतना वक्त कैसे लग गया?
लेकिन पीड़ित व्यक्ति का यह तर्क लोगों के गले नहीं उतर रहा है। ग्रामीणों में चर्चा है कि घटना के बाद कोई व्यक्ति एक माह तक चुप कैसे बैठ सकता है? इस देरी पर पुलिस की कार्यशैली और पीड़ित की नीयत दोनों पर सवाल उठ रहे हैं।
फिलहाल पुलिस ने अपराध दर्ज कर जांच शुरू दी है। घटना में कौन दोषी है और पुलिस किसे निर्दोष ठहराती है यह पुलिस विवेचना के बाद तय हो पाएगा।

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