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‘जरूरत पड़ी तो एक्शन लेंगे; सेना को खुली छूट’, पाकिस्तान और ऑपरेशन सिंदूर पर बोले DGMO

Dharmender Singh Malik
7 Min Read
'जरूरत पड़ी तो एक्शन लेंगे; सेना को खुली छूट', पाकिस्तान और ऑपरेशन सिंदूर पर बोले DGMO

नई दिल्ली: भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के डायरेक्टर जनरलों ने रविवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस कॉन्फ्रेंस में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की विस्तृत जानकारी दी। उनके साथ डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और डीजी नेवल ऑपरेशंस वाइस एडमिरल एएन प्रमोद भी मौजूद थे। यह पहली बार था जब तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी एक साथ इस ऑपरेशन पर ब्रीफिंग दे रहे थे। कॉन्फ्रेंस की शुरुआत शिवतांडव की धुन से हुई।

डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “आज सुबह पाक डीजीएमओ से बातचीत हुई। कल फिर बात होगी। अगर पाकिस्तान ने आज रात सीजफायर तोड़ा तो करारा जवाब मिलेगा।” उन्होंने आगे कहा, “सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दिया। इस दौरान आतंकी के नौ कैंप तबाह किए गए। हमने 100 आतंकियों को खत्म किया। इसमें मुद्स्सर खास, हाफिज जमिल और रऊफ अजहर जैसे हाई वैल्यू टारगेट लक्ष्य शामिल थे, जो आईसी814 के अपहरण और पुलवामा विस्फोट में शामिल थे।” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया गया और उनके हमलों में नागरिक, गांव और गुरुद्वारा जैसे धार्मिक स्थल भी दुर्भाग्य से निशाने पर आए, जिससे कई लोगों की जान गई।

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सिर्फ आतंकी कैंपों को निशाना बनाया गया।

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एयर ऑपरेशंस के डीजी ने दी जानकारी

डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने बताया, “बहावलपुर में 4 ठिकानों पर हमने एक्शन किया।

हमने वहां जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप को भी तबाह किया।” उन्होंने यह भी कहा, “हमने लौहार में रडार सिस्टम को तबाह कर दिया। पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। पाकिस्तान ने कई ड्रोन भेजे जिन्हें मार गिराया गया।” एयर मार्शल भारती ने 8 और 9 मई को पाकिस्तान द्वारा श्रीनगर से कच्छ तक भेजे गए कई ड्रोनों को नाकाम करने की जानकारी दी और कहा कि भारत पूरी तरह से तैयार था, इसलिए कोई क्षति नहीं हुई।

एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर जैसे आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से काफी अंदर थे। उन्होंने सटीक हमलों के लिए सैटेलाइट और इंटेलिजेंस आधारित टारगेटिंग और प्रिसिशन म्यूनिशन का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, नाल, डलहौजी और फलौदी में हमले किए, लेकिन भारत की तैयारी के चलते सभी हमले नाकाम कर दिए गए और कोई नुकसान नहीं हुआ। एयर मार्शल भारती ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमने वहां हमला किया, जहां उन्हें सबसे ज्यादा दर्द हो। हमने उनके एयरबेस कमांड सिस्टम, मिलिट्री एयरबेस को निशाना बनाया। चकलाला, रफीकी और रहरयार खान में अटैक किया। हमने उनको साफ-साफ बता दिया कि आक्रामकता को न माफ किया जाएगा न बर्दाशत। हमारे पास उनके हर बेस पर हर सिस्टम को तबाह करने की क्षमता है। हम चाहते हैं कि हमारे दुश्मन आगे तनाव बढ़ाने की कोशिश ना करें।” उन्होंने 8 और 9 मई की रात को ड्रोन हमलों की जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना की वायु रक्षा ने बहादुरी और कुशलता से उनका मुकाबला किया।

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एयर मार्शल ए.के. भारती ने यह भी कहा कि भारत के सभी पायलट सुरक्षित हैं।

नेवी डीजी ने नौसेना की भूमिका बताई

प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेवी डीजी वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप (सीबीजी), सतही बल, पनडुब्बियां और विमानन परिसंपत्तियों को भारतीय रक्षा बलों की संयुक्त संचालन योजना के अनुरूप पूरी युद्ध तत्परता के साथ तुरंत समुद्र में तैनात किया गया था। उन्होंने बताया कि पहलगाम हमले के 96 घंटे के भीतर नौसेना पूरी तरह से तैयार थी और अरब सागर में कई हथियारों की फायरिंग के दौरान रणनीति और प्रक्रियाओं का परीक्षण और परिशोधन किया गया। वाइस एडमिरल प्रमोद ने कहा कि नौसेना उत्तरी अरब सागर में पूरी तत्परता और क्षमता के साथ तैनात है ताकि जरूरत पड़ने पर कराची सहित समुद्र और जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला किया जा सके। उन्होंने कहा कि नौसेना की अग्रिम तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना और वायु इकाइयों को रक्षात्मक मुद्रा में रहने के लिए मजबूर किया।

एयर मार्शल ए.के. भारती ने हताहतों की संख्या पर कहा कि भारत का उद्देश्य हताहत करना नहीं था, बल्कि लक्ष्य को भेदना था। उन्होंने कहा कि हताहतों की गिनती पाकिस्तान का काम है।

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सीजफायर पर DGMO ने दी जानकारी

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने सीजफायर पर जानकारी देते हुए बताया कि 10 मई की सुबह उन्हें पाकिस्तान के डीजीएमओ का हॉटलाइन पर संदेश मिला, जिसमें बातचीत की इच्छा जताई गई थी। उन्होंने कहा कि भारत का प्रारंभिक मकसद आतंकी शिविरों पर हमला करना था और उसके बाद की कार्रवाई पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ के जवाब में थी, इसलिए उन्होंने अपने समकक्ष से बात करने का फैसला किया। बातचीत के परिणामस्वरूप 10 मई को शाम 5 बजे से दोनों पक्षों द्वारा सीमा पार से गोलीबारी और हवाई घुसपैठ बंद हो गई।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सेना प्रमुख ने 10 मई को भारत-पाक के बीच हुई सहमति के किसी भी उल्लंघन पर जवाबी कार्रवाई के लिए पूर्ण अधिकार दे दिए हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों के अनुसार, भारत आतंकवाद में पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूतों के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक टीम भेजेगा।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखला गया था पाकिस्तान

भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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