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तिरंगा रैली में BJP विधायक बालमुकुंद आचार्य पर राष्ट्रध्वज के अपमान का आरोप, वीडियो वायरल होने से मचा बवाल

Anil chaudhary
5 Min Read

जयपुर, राजस्थान: भाजपा के जयपुर स्थित विधायक बालमुकुंद आचार्य एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। आज जयपुर में आयोजित एक तिरंगा रैली के दौरान उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह कथित तौर पर राष्ट्रध्वज तिरंगे का अपमान करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने भाजपा विधायक पर तीखा हमला बोला है और उन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

क्या है वायरल वीडियो में?

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि तिरंगा यात्रा के दौरान भीड़ में चल रहे विधायक बालमुकुंद आचार्य पसीना आने पर अपने हाथ में पकड़े हुए एक तिरंगे जैसे कपड़े से अपना पसीना पोंछते और नाक साफ करते दिख रहे हैं। यह वीडियो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के उपलक्ष्य में भाजपा द्वारा आयोजित तिरंगा यात्रा का बताया जा रहा है।

विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग

इस वीडियो के सार्वजनिक होते ही कांग्रेस पार्टी ने इसे राष्ट्रध्वज का घोर अपमान करार दिया है। राजस्थान कांग्रेस के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल और कांग्रेस के कई केंद्रीय नेताओं ने इस वीडियो को साझा करते हुए बालमुकुंद आचार्य पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जिस तिरंगे के लिए देश के वीर जवान अपनी जान न्योछावर कर देते हैं, उसी तिरंगे से एक भाजपा विधायक पसीना पोंछ रहा है। उन्होंने भाजपा से इस मामले में संज्ञान लेते हुए विधायक के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है। कुछ नेताओं ने तो इसे देशद्रोह की श्रेणी में भी रखा है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कही है।
बालमुकुंद आचार्य की सफाई: “कांग्रेस की साजिश, वह तिरंगा नहीं था”

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मामला गरमाने के बाद विधायक बालमुकुंद आचार्य ने खुद सामने आकर सफाई दी है। उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे कांग्रेस की “ओछी मानसिकता” और “सोची-समझी साजिश” करार दिया है। आचार्य का कहना है कि वीडियो को काट-छांट कर पेश किया गया है ताकि उनकी छवि खराब की जा सके।

अपनी सफाई में उन्होंने दावा किया कि जिस कपड़े को तिरंगा बताया जा रहा है, उसमें अशोक चक्र नहीं था। उन्होंने जोर देकर कहा, “तिरंगा वही होता है जिसमें अशोक चक्र होता है।” विधायक के अनुसार, रैली में चलते हुए किसी ने उन्हें एक हरे और सफेद रंग का कपड़ा थमा दिया था, जिसे उन्होंने श्रद्धा से चूमा और अपने दिल से लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्होंने किसी कपड़े से पसीना पोंछा भी होगा तो वह तिरंगा नहीं था। उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए सवाल किया कि तिरंगा यात्रा में कांग्रेस के नेता क्यों नहीं आए, और उनकी पार्टी के तीन रंग के झंडे पर ‘पंजा’ छापकर उसे बांटने को तिरंगे का अपमान क्यों नहीं माना जाता।

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कानूनी पहलू और जन भावना

राष्ट्रीय ध्वज संहिता और ‘प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971’ के तहत राष्ट्रध्वज का अपमान एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए जेल और जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में, सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो ने आम जनता में भी रोष पैदा कर दिया है। यह मुद्दा देशभक्ति और राष्ट्रध्वज के सम्मान से जुड़ा होने के कारण संवेदनशील बना हुआ है।
आगे क्या?

इस मामले में अभी तक कोई एफआईआर दर्ज होने की जानकारी नहीं है। हालांकि, कांग्रेस इस मुद्दे को आगे बढ़ाने और विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने की तैयारी में है। देखना होगा कि भाजपा नेतृत्व इस मामले पर क्या रुख अपनाता है और क्या विधायक बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब देश में देशभक्ति और राष्ट्रीय प्रतीकों के सम्मान को लेकर काफी चर्चा हो रही है।

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