मथुरा: परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) सुनील दत्त के तेवर अब सख्त हो गए हैं। उनके लगातार औचक निरीक्षणों से लापरवाह शिक्षक और शिक्षामित्र परेशान हैं। मांट और राया विकास खंडों में किए गए निरीक्षणों के दौरान कई चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आईं, जिसके बाद सख्त कार्रवाई की गई है।
बंद मिले स्कूल, कहीं शिक्षक नदारद

BSA सुनील दत्त ने 15 मई को प्राथमिक विद्यालय नगला सपेरा का औचक निरीक्षण किया, तो सुबह सवा सात बजे स्कूल में ताला लटका मिला। छाता विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय आजनौंख में 13 स्टाफ कार्यरत होने के बावजूद मात्र 35 छात्र ही उपस्थित मिले। विकास खंड बल्देव के राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल भदावन में भी निरीक्षण के दौरान मात्र नौ बच्चे ही मौजूद थे, जबकि यहाँ कुल चार स्टाफ है। प्राथमिक विद्यालय महावन प्रथम सहित कई अन्य विद्यालयों में भी छात्रों की संख्या बेहद कम मिली या स्टाफ नदारद था।

सबसे गंभीर मामला उच्च प्राथमिक विद्यालय पिपरौली मांट का रहा, जो निरीक्षण के समय बंद मिला। विद्यालय स्टाफ द्वारा ‘टाइम एंड मोशन’ का अनुपालन नहीं किए जाने पर विद्यालय के समस्त स्टाफ का वेतन/मानदेय अग्रिम आदेशों तक रोकने की कार्रवाई की गई है।
सात शिक्षक और पाँच शिक्षामित्र अनुपस्थित, वेतन/मानदेय रोका
निरीक्षण के दौरान कई स्कूलों में कुल सात शिक्षक और पाँच शिक्षामित्र अनुपस्थित पाए गए।
उच्च प्राथमिक विद्यालय कसेरा कलां में इंचार्ज प्रधानाध्यापक मु. अब्बास जैदी, शिक्षक मनोज कुमार, शिक्षामित्र नागेंद्र कुमार गौड़ और इंद्रपाल उपाध्याय अनुपस्थित मिले।

उच्च प्राथमिक विद्यालय जसौली कलां मांट में शिक्षिका गायत्री देवी, सुनीता शर्मा, प्रीति, शिक्षामित्र कृष्ण पाल सिंह और स्वदेश अनुपस्थित पाए गए। इन सभी का वेतन/मानदेय रोकने की कार्रवाई की गई है।
प्राथमिक विद्यालय नगला कपूर में शिक्षक चित्रवीर सिंह लगातार अनुपस्थित चल रहे थे, और शिक्षामित्र ज्योति बाला भी अनुपस्थित मिलीं।
उच्च प्राथमिक विद्यालय जगतिया राया में शिक्षिका सरिता का उपस्थिति कॉलम एक मई से लगातार खाली पड़ा था।
इसके अतिरिक्त, उच्च प्राथमिक विद्यालय हृदय पोखर मांट, प्राथमिक विद्यालय सूरज मांट, प्राथमिक विद्यालय गोंगा और उच्च प्राथमिक विद्यालय गढ़ी केशर राया स्कूलों का भी निरीक्षण किया गया।
BSA सुनील दत्त ने स्पष्ट किया है कि अनुपस्थित सभी शिक्षक और शिक्षामित्रों का वेतन/मानदेय अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया है। यह कार्रवाई परिषदीय स्कूलों में अनुशासन और शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए की जा रही है।
