आगरा, उत्तर प्रदेश। पिनाहट क्षेत्र में चंबल नदी पर बना महत्वपूर्ण पौंटून पुल एक बार फिर प्रकृति के कहर का शिकार हो गया है। बीती रात आए तेज आंधी-तूफान के कारण पुल के गर्डर और स्लीपर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, जिसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच का सीधा संपर्क पूरी तरह से बाधित हो गया है। यह एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार है जब इस पुल को मौसम की मार झेलनी पड़ी है, जिससे स्थानीय लोगों और व्यापारियों की परेशानी कई गुना बढ़ गई है।
एक सप्ताह में दूसरी बार टूटा पुल, चिंता का विषय
पिनाहट क्षेत्र में चंबल नदी पर बना यह पौंटून पुल आगरा जिले (उत्तर प्रदेश) को मध्य प्रदेश से जोड़ता है। यह पुल न केवल स्थानीय ग्रामीणों के लिए बल्कि दोनों राज्यों के बीच व्यापार और आवागमन के लिए एक जीवनरेखा के समान है। एक ही सप्ताह में दूसरी बार पुल का क्षतिग्रस्त होना इसकी संरचनात्मक मजबूती और आंधी-तूफान से बचाव के उपायों पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
रात की आंधी ने मचाया कहर, सुबह हुआ खुलासा
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, बुधवार देर रात आए तेज आंधी-तूफान ने क्षेत्र में काफी तबाही मचाई। जब आज (गुरुवार, 22 मई, 2025) सुबह पुल की जांच की गई, तो यह भयावह खुलासा हुआ कि कई गर्डर स्लीपर अपनी जगह से हट चुके थे। इससे पुल पूरी तरह से अस्थिर और आवागमन के लिए असुरक्षित हो गया है। पुल पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से रोक दिया गया है।
मरम्मत कार्य जारी, कब तक बहाल होगा ट्रैफिक?
घटना की जानकारी मिलते ही लोक निर्माण विभाग (PWD) की टीम बिना देर किए मौके पर पहुंची और युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया। कर्मचारी क्षतिग्रस्त गर्डर और स्लीपरों को जल्द से जल्द ठीक कर ट्रैफिक को बहाल करने की कोशिश में जुटे हैं। हालांकि, पुल की मरम्मत में कितना समय लगेगा, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन अधिकारी जल्द से जल्द इसे ठीक करने का आश्वासन दे रहे हैं।
अंतर्राज्यीय संपर्क बाधित, लोगों को हो रही भारी परेशानी
चंबल का यह पौंटून पुल उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के बीच सीधा संपर्क प्रदान करता है। पुल पर आवागमन रुकने से दोनों राज्यों के बीच का सीधा रास्ता कट गया है, जिससे हजारों लोगों को अपनी दैनिक गतिविधियों के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है। किसानों को अपनी उपज मंडियों तक पहुंचाने में दिक्कत आ रही है, वहीं छात्रों और काम पर जाने वाले लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यह घटना प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर योजना और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता को उजागर करती है। स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों को इस स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिकता के आधार पर काम करना होगा ताकि लोगों की परेशानियां जल्द से जल्द खत्म हो सकें।