झांसी, सुल्तान आब्दी: बुंदेलखंड में बिजली संकट और पानी की किल्लत को लेकर जनता का आक्रोश तीसरे दिन भी जारी रहा। झांसी में चल रहे ‘बुंदेलखंड बिजली जनआक्रोश आंदोलन’ का आज का दिन गहमागहमी भरा रहा, जिसमें वक्ताओं ने मुख्य रूप से बिजली विभाग की आरडीएसएस योजना के तहत खर्च किए गए 150 करोड़ रुपये पर सवाल उठाए, और विभाग की बदहाल स्थिति के लिए इसे जिम्मेदार ठहराया।
‘यह कोई पार्टी विशेष का नहीं, जन-जन का आंदोलन है’
पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने आंदोलन को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि यह किसी एक पार्टी का आंदोलन नहीं है, बल्कि यह जन-जन का और सर्वदलीय आंदोलन है, जिसमें जनता की सहभागिता लगातार बढ़ रही है। उन्होंने बिजली विभाग पर कटाक्ष करते हुए कहा, “बिजली विभाग इस तरह हो गया है जैसे भैंस के आगे बीन बजाओ भैंस खड़ी पगुराए। कुछ भी बिजली विभाग सुनने के लिए तैयार ही नहीं है।”
प्रदीप जैन आदित्य ने 150 करोड़ रुपये के खर्च पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, “बिजली विभाग की भैंस एक सौ पचास करोड़ रुपये का चारा खा गई है और कुछ भी पता नहीं चल रहा है कि यह चारा चला कहां गया है। अगर इतना पैसा ईमानदारी से खर्च किया गया होता तो आज ये दिन देखने को नहीं मिलते।” उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि बुंदेलखंड इससे पहले कभी इतना बिजली और पानी के लिए बदहाल नहीं रहा, जितना इस वर्ष बिजली और पानी की किल्लत झेल रहा है।
जनप्रतिनिधियों ने एक सुर में उठाई आवाज: ‘जनता दम तोड़ रही, सरकार मस्त है’
आंदोलन में कई प्रमुख हस्तियों और जनप्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। पूर्व शहर अध्यक्ष इम्तियाज हुसैन, विवेक बाजपेयी, व्यापारी नेता मुकेश अग्रवाल, अखिलेश गुरुदेव, टेक्सबार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेश्वर राय, गहोई वैश्य समाज के सरपंच प्रकाश गुप्ता, न्याय अधिकार अध्यक्ष बीएल भास्कर, सीडी लिटौरिया, आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष अरशद खान, शहर अध्यक्ष मनोज गुप्ता, बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता रघुराज शर्मा, भरत राय, वैभव भट्टा, बीएसपी के उत्कर्ष साहू, हरीश लाला, दिनेश भार्गव, अनिल कश्यप, विजय लक्ष्मी अय्यर, बिट्टू सिंह कुशवाहा, यूथप जैन पिंकी, मुन्नी देवी अहिरवार, आशिया सिद्दीकी, चौधरी परवेज, चौधरी फरहान, बालेंद्र नायक, राजपाल बुंदेला, प्रदुम्न सिंह, मनीष दुबे और प्रजापति पार्टी के अध्यक्ष पंकज रावत ने एक सुर में कहा कि “बिजली विभाग की भैंस एक सौ पचास करोड़ रुपया चर गई और स्थिति में कोई सुधार नहीं है।”
वक्ताओं ने जोर दिया कि बिजली और पानी जनता के लिए दो मूलभूत सुविधाएं हैं, लेकिन जनता का पेट झूठे वादों से भरा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जनता परेशानियों से दम तोड़ रही है और सरकार अपने मद में मस्त है, उसे जनता की परेशानियों की कोई फिक्र नहीं है। सभी नेताओं ने संकल्प लिया कि वे जनता के प्रतिनिधि हैं और अपना कर्तव्य अवश्य निभाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक हालात नहीं सुधरते हैं, तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
आंदोलन का संचालन डॉ. सुनील तिवारी ने किया और आभार विवेक बाजपेयी ने व्यक्त किया।
आंदोलन में बड़ी संख्या में नागरिकों की उपस्थिति
इस आंदोलन में पूर्व जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह पारीछा, भरत राय, जगमोहन मिश्रा, हरीश लाला, एडवोकेट दीपक निम, यूथप सर्राफ, शफीक अहमद मुन्ना, मुन्नी देवी अहिरवार, रईस अहमद, आशिया सिद्दीकी, शैलेश चतुर्वेदी, हरवंश लाल, पार्वती चौधरी, शैलेंद्र कुमार, प्रदीप नाथ, राजकुमार फौजी, नफीस मकरानी, प्रशांत वर्मा, भाग्य लक्ष्मी अय्यर, रिजवान खान, बालेंद्र नायक, चौधरी मो. फरहान, आशीष तिवारी, रघुराज शर्मा, पंकज रावत, शाहजहां बेगम, राधा, चंद्र कुमार झा, प्रिया गुप्ता, कुंती राय, राजेश रानी, अमित यादव, पवन शाक्य, अनिल कश्यप, रामदास, हनीफ खान, चौधरी परवेज, मुकेश सिंघल, फरहान चौधरी, राजेंद्र कुमार, हरीश कुमार, प्रेम सपेरे वाल्मीकि, प्रकाश कुशवाहा, जगदीश प्रसाद, प्रदुम्न सिंह, राजपाल सिंह बुंदेला, मो. रशीद मंसूरी, संतोष सेन, हरी शंकर वाल्मीकि, प्रकाश गुप्ता, अजमेरी, अभिषेक कनौजिया, पवन तिवारी, नीरज सेन, संकल्प अग्रवाल, सोहन तिवारी, पुत्तु सिंह कुशवाहा, रामेश्वर राव, संदीप प्रताप सिंह, दिनेश कुमार वर्मा, अशोक कंसोरिया, सत्येंद्र सिंह भदौरिया, संदीप प्रताप सिंह, मुलायम सिंह, पाल्मिया, उमा चरण वर्मा, विजय यादव, सर्वेश सक्सेना, सात्विक यादव, राज ठाकुर, सुमित यादव, इरशाद खान, मो. आरिफ, जुबैर खान और बड़ी तादाद में अन्य सजग नागरिक आंदोलन को सफल बनाने के लिए उपस्थित रहे। यह जनआंदोलन झांसी में बिजली और पानी के संकट को लेकर जनता के बढ़ते असंतोष को दर्शाता है।