फतेहपुर सीकरी: रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी, विधायक के आरोपों के बाद कार्रवाई में तेजी; पक्षपात के भी आरोप

Shamim Siddique
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फतेहपुर सीकरी: रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी, विधायक के आरोपों के बाद कार्रवाई में तेजी; पक्षपात के भी आरोप

फतेहपुर सीकरी, उत्तर प्रदेश: फतेहपुर सीकरी में रेलवे की करोड़ों रुपये की भूमि पर अवैध कब्जों और अतिक्रमण को लेकर विधायक चौधरी बाबूलाल द्वारा रेल मंडल प्रबंधक पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद, रेलवे विभाग ने कमर कस ली है। मंगलवार को भी रेलवे की टीमों ने अस्थाई अतिक्रमण हटाने का अभियान जोर-शोर से चलाया। इस दौरान कई दुकानों के आगे बने सीमेंट और कंक्रीट के फर्श व सीढ़ियों को बुलडोजर से तोड़ दिया गया, हालांकि, कुछ व्यापारियों ने इस कार्रवाई में पक्षपात के आरोप भी लगाए हैं।

विधायक के आरोपों के बाद रेलवे में हड़कंप

दरअसल, यह पूरा घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब 22 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘अमृत भारत योजना’ के तहत रेलवे स्टेशनों के वर्चुअल लोकार्पण कार्यक्रम में ईदगाह जंक्शन पर विधायक चौधरी बाबूलाल ने सार्वजनिक मंच से रेल मंडल प्रबंधक को “निकम्मा” कहते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए। विधायक ने आरोप लगाया था कि फतेहपुर सीकरी में रेलवे की करोड़ों रुपये की भूमि रुपया लेकर जबरन कब्जा कराई गई है। विधायक चौधरी बाबूलाल के इस सीधे और तीखे संबोधन से रेल विभाग के अधिकारी असहज हो गए थे और इस घटना ने उच्चाधिकारियों तक हड़कंप मचा दिया था।

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पीएमओ तक पहुंची शिकायत, नाप-तौल के बाद कार्रवाई शुरू

विधायक चौधरी बाबूलाल ने केवल सार्वजनिक मंच से ही आरोप नहीं लगाए, बल्कि रेलवे की करोड़ों रुपये की भूमि पर कब्जों के संबंध में एक शिकायती पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भी भेजा है। इस घटनाक्रम के चलते रेलवे उच्चाधिकारियों के सीधे निर्देशों के बाद, शनिवार को सीनियर सेक्शन इंजीनियर कार्य देवी सिंह राजपूत और सीनियर सेक्शन इंजीनियर मनोज चौहान ने सीकरी में रेलवे भूमि पर पहुंचकर नाप-तौल की थी, जिसके बाद अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया गया।

बुलडोजर ने तोड़े अवैध निर्माण, पक्षपात के आरोप बरकरार

मंगलवार को रेल विभाग के इंजीनियरों की टीम ने रेल सुरक्षा बल (RPF) के साथ मिलकर दिनभर अस्थाई अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया। इस दौरान रेलवे लाइन के समानांतर सड़क के किनारे जमा कबाड़ का सामान, बांस-बल्ली और लकड़ी के ढेरों को बुलडोजर से हटाया गया। कई दुकानों के आगे बने सीमेंट और कंक्रीट के अवैध फर्श व सीढ़ियों को भी बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।

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हालांकि, कुछ स्थानीय दुकानदारों ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने में रेल विभाग के इंजीनियरों द्वारा पक्षपात किया जा रहा है। उनका कहना था कि कुछ विशेष लोगों के अतिक्रमणों को छोड़ दिया गया है, जबकि दूसरों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। इन आरोपों से अभियान की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

‘अमृत भारत योजना’ और सौंदर्यीकरण का लक्ष्य

यह अभियान ‘अमृत भारत योजना’ के तहत रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प व सौंदर्यीकरण के प्रयासों का भी एक हिस्सा है। इस योजना का उद्देश्य रेलवे परिसरों को स्वच्छ, सुंदर और अतिक्रमण मुक्त बनाना है ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

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फिलहाल, रेलवे विभाग अतिक्रमण हटाने के अपने अभियान को जारी रखे हुए है। यह देखना होगा कि विधायक चौधरी बाबूलाल द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार और कब्जे के आरोपों पर क्या कोई उच्च स्तरीय जांच होती है और क्या रेलवे विभाग पक्षपात के आरोपों को दूर कर पाता है।

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