आगरा: ‘ग्रीन आगरा, क्लीन आगरा’ के नारों के बीच, शहर के खेरिया मोड वीआईपी रोड स्थित बाजार में बीते 6 महीनों से एक टूटा हुआ शौचालय नहीं बन पाया है, जिससे स्थानीय व्यापारी और हजारों ग्राहक खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। यह स्थिति प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण के प्रयासों के ठीक उलट है और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
व्यापारियों की दुर्दशा और अधिकारियों की अनदेखी
खेरिया मोड बाजार में लगभग 100 से 200 व्यापारी अपनी रोज़मर्रा की आजीविका चलाते हैं, और यहाँ हर दिन हजारों ग्राहकों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन इन व्यापारियों और ग्राहकों को 6 महीनों से मूलभूत सुविधा के अभाव में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हर तरफ गुहार लगाने के बावजूद, टूटे हुए शौचालय का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
नगर निगम की इस अनदेखी से व्यापारियों में गहरी निराशा है। खेरिया मोड बजट कमेटी के अध्यक्ष राजेश यादव ने बताया कि उन्होंने नगर निगम के हर एक अधिकारी से शिकायत की है, लेकिन पिछले 6 महीनों से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं, समस्या का समाधान नहीं। राजेश यादव ने कहा, “यह नगर निगम के कार्य करने के तरीके पर सवाल खड़े कर रहा है। हम जनता और व्यापारी के हित में एक शौचालय की मांग कर रहे हैं।”
वीआईपी रोड पर भी बदहाली, नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल
खेरिया मोड न केवल आगरा के मुख्य बाजारों में से एक है, बल्कि यह एक वीआईपी रोड भी है, जहाँ से कई विशिष्ट व्यक्तियों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे महत्वपूर्ण स्थान पर 6 महीनों से शौचालय का न होना अपने आप में नगर निगम की गंभीरता को दर्शाता है। अधिकारियों की जानकारी में होने के बावजूद, 6 महीने बीत जाने के बाद भी शौचालय का ‘श’ भी नहीं बन पाया है, जो स्थानीय प्रशासन की कार्यकुशलता पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
इस संबंध में नगर निगम के क्षेत्रीय सेनेटरी अधिकारी अशोक मौर्या ने कहा है कि “शौचालय था जो तुड़वा दिया गया। ए.ई. साहब को बोला है, देखते हैं क्या होता है।” उनका यह बयान समस्या के प्रति उदासीनता को दर्शाता है, जबकि व्यापारियों और ग्राहकों की परेशानी लगातार बढ़ रही है।
राजेश यादव ने कहा, “हमने नगर निगम के अधिकारियों को हर तरह से टूटे शौचालय की शिकायत लिखित तौर पर की है, लेकिन नगर निगम के किसी अधिकारी ने इसकी सुध नहीं ली और स्थिति आज भी वैसी ही है।” उन्होंने आगे कहा कि बाज़ार के लोग पिछले 6 महीनों से इस वजह से काफी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
खेरिया मोड़ एक वीआईपी रोड पर स्थित मुख्य बाज़ार है, जहाँ हर दिन हज़ारों लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे महत्वपूर्ण स्थान पर शौचालय का न होना नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अधिकारियों की जानकारी में होने के बावजूद, 6 महीने बीत जाने के बाद भी शौचालय का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है।
बाज़ार के व्यापारी रुस्तम सिंह ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि उन्हें डायबिटीज की बीमारी है, जिसके कारण उन्हें दिन में कई बार शौचालय जाने की ज़रूरत पड़ती है। रुस्तम सिंह जैसे कई अन्य व्यापारियों को भी इस मूलभूत सुविधा के अभाव में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वे कहते हैं, “सब तरफ गुहार लगा चुके हैं, 6 महीने बीत चुके हैं, अब तक कोई सुनवाई नहीं।”
हरिशंकर चाहर, जो खेरिया मोड़ बाज़ार के एक व्यापारी हैं, ने बताया कि जहाँ पहले शौचालय बना हुआ था, उसे बिना किसी पूर्व सूचना के तुड़वा दिया गया। अब 5 से 6 महीनों से, 200 से ज़्यादा दुकानदारों को, जिनमें से ज़्यादातर को बार-बार शौचालय की ज़रूरत पड़ती है, खुले में या खेतों में शौच के लिए जाना पड़ रहा है।
मकबूल अहमद, खेरिया मोड व्यापारी का कहना है कि शौचालय न होने की वजह से खुले में शौच करने जाना पड़ता है जो अपने आप में शर्मिंदगी वाला काम है। इतना बड़ा बाजार है दुकानदारों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है 6 महीनों से शिकायत की जा रही है कोई सुनवाई नहीं।