आगरा : आगरा जनपद ही नहीं पूरे प्रदेश में तीन दशक से अधिक पुराने पनवारी कांड की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है. पनवारी कांड के बाद अकोला में हुई हिंसा से जुड़े मामले में हाल ही में आए फैसले में 32 लोगों को पांच साल की सजा सुनाकर जेल भेजा गया है. इस घटनाक्रम पर पूरे जनपद में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, और राजनीतिक गलियारों में इस फैसले को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिशें भी तेज हो गई हैं.
इसी बीच, फतेहपुर सीकरी विधानसभा के भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल द्वारा उठाया गया कदम उनके राजनीतिक विरोधियों को भी चौंकाने पर मजबूर कर रहा है.
समाज हित में कदम उठाने की बात
विधायक चौधरी बाबूलाल द्वारा जारी पत्र के अनुसार, जिस समय न्यायालय का फैसला आया था, वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत दक्षिण में धार्मिक यात्रा पर थे. वहीं पर उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिली. आनन-फानन में वे अपनी यात्रा से लौटकर न्यायालय के फैसले से प्रभावित हुए लोगों की मदद के लिए कदम उठाना शुरू कर दिए हैं. जेल में जाकर उन्होंने सभी सजायाफ्ताओं से मुलाकात की और उन्हें हर कदम पर मदद करने का भरोसा दिलाया.
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विधायक प्रतिनिधि डॉ. रामेश्वर चौधरी ने बताया कि विधायक चौधरी बाबूलाल इस मामले में बेहद गंभीर हैं. उनके द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ताओं से लगातार बातचीत की जा रही है. उच्च न्यायालय में अपील कर प्रभावितों को मदद दिलाने हेतु समस्त खर्चा विधायक चौधरी बाबूलाल द्वारा ही वहन किया जाएगा. इसके लिए श्रेष्ठ अधिवक्ताओं का एक पैनल तैयार कर उच्च न्यायालय में मजबूती से पैरवी की जाएगी.
विधायक के कदम से विरोधी हुए पस्त
फतेहपुर सीकरी विधानसभा ही नहीं, पूरे आगरा जनपद में पनवारी कांड इस समय सुर्खियों में बना हुआ है. राजनीतिक हलकों में विगत में इस मामले से बरी हो चुके विधायक चौधरी बाबूलाल को घेरने की कोशिशें की जा रही थीं. हालांकि, राजनीति के माहिर खिलाड़ी कहे जाने वाले विधायक चौधरी बाबूलाल के इस कदम से उनके विरोधी भी सकते में आ गए हैं. उनके इस फैसले को उनके समर्थकों और जातीय समुदाय के बीच एक बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है.