नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजे आ गए हैं, और केंद्रीय बैंक ने एक बार फिर आम जनता और कर्जदारों को बड़ी राहत दी है। RBI ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है, इस बार इसे 50 बेसिस पॉइंट (0.50%) घटाकर 5.50% कर दिया गया है, जो पहले 6% था। यह कटौती बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए ‘गुड न्यूज’ है, क्योंकि उनकी मासिक किश्तें (EMI) अब और भी कम हो जाएंगी।
महंगाई में भी मिलेगी राहत, CRR में भी कटौती
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में बंपर कटौती की जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में SDF रेट को 5.75% से घटाकर 5.25% और MSF रेट को 6.25% से घटाकर 5.75% कर दिया गया है। उन्होंने वैश्विक बाजार में अनिश्चितता के बावजूद, FY26 के लिए महंगाई अनुमान को 4% से घटाकर 3.7% कर दिया है, जिससे भविष्य में महंगाई से और राहत मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही, RBI गवर्नर ने घोषणा की कि कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को भी 4% से 100 बेसिस पॉइंट (1%) घटाकर 3% करने का फैसला किया गया है।
आर्थिक विकास को मिलेगा समर्थन, मॉनिटरी पॉलिसी का रुख अब ‘न्यूट्रल’
रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट कट को इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट करने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि भारत लगातार निवेश के लिए पसंदीदा गंतव्य बना हुआ है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 691.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
इसके अलावा, उन्होंने एक और अहम जानकारी साझा करते हुए बताया कि आर्थिक हालात को देखते हुए RBI ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी स्ट्रेटजी का रुख ‘अकोमोडेटिव’ (Accommodative) से बदलकर अब ‘न्यूट्रल’ (Neutral) कर दिया है। इसका अर्थ है कि अब रिजर्व बैंक रेपो रेट को घटाने या बढ़ाने को लेकर कोई आक्रामक फैसला नहीं लेगा, बल्कि स्थितियों के अनुसार संतुलित दृष्टिकोण अपनाएगा।
रेपो रेट कट की हैट्रिक और आपकी EMI पर असर
रेपो रेट का सीधा संबंध बैंक लोन की ईएमआई से होता है। रेपो रेट कम होने पर लोन की ईएमआई घट जाती है और इसके बढ़ने पर यह बढ़ जाती है। रेपो रेट वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है, और इसका उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
RBI MPC की बैठक 4 जून को शुरू हुई थी और 6 जून को इसके नतीजों का ऐलान किया गया। ताजा रेपो रेट कट से पहले भी इस साल की पिछली दो बैठकों में राहत दी गई थी। फरवरी में 0.25% की कटौती के बाद रेपो रेट 6.25% हो गया था, और अप्रैल में FY26 की पहली MPC बैठक में एक बार फिर 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 6% कर दिया गया था। अब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट कट की हैट्रिक लगाकर लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है।
उदाहरण के तौर पर: यदि आपने 50 लाख रुपये का होम लोन 30 साल के लिए 9% ब्याज दर पर लिया है, तो आपकी मासिक EMI 40,231 रुपये होगी। RBI के 50 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद, आपकी EMI घटकर 38,446 रुपये हो जाएगी। यानी, मासिक EMI में लगभग 2,000 रुपये की कटौती होगी।