आगरा: विश्व धरोहर ताजमहल को रात में सैलानियों के लिए खोलने की वर्षों पुरानी मांग एक बार फिर संभावना के उजाले में आ गई है। यदि प्रशासन और केंद्र सरकार इस दिशा में ठोस निर्णय लेती है, तो यह योजना न केवल ताजमहल के आकर्षण को कई गुना बढ़ाएगी, बल्कि आगरा की आर्थिक और सांस्कृतिक पहचान को भी एक नया आयाम दे सकती है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह द्वारा हाल ही में दिए गए संकेतों से इस मांग को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं।
इतिहास में दबे रात्रि दर्शन के प्रयास
आगरा में पर्यटन को नया आयाम देने और पर्यटकों की रात की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ताजमहल को रात्रि में खोलने की मांग दशकों से उठती रही है। सबसे पहले, वर्ष 1991-92 में जब रनवीर सिंह आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे, तब इस कल्पना को साकार करने का पहला प्रयास किया गया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की अनुमति से मैसूर लैंप कंपनी के सहयोग से एक प्रयोगात्मक प्रकाश योजना तैयार की गई थी।
इस दौरान, ताजमहल को लाल, पीली और नीली सहित रंगीन रोशनी में रात्रि में प्रदर्शित किया गया। यह प्रयोग मात्र तीन-चार दिन चला, लेकिन उस छोटे से समय में भी स्थानीय नागरिकों और विदेशी पर्यटकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला था।
क्यों रुका था पिछला प्रयोग?
उस समय संरचना विशेषज्ञों ने यह आपत्ति उठाई थी कि कृत्रिम रोशनी से ताजमहल के श्वेत संगमरमर पर दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसी आधार पर वह प्रयोगात्मक परियोजना रोक दी गई थी। तब से यह विचार केवल सुझावों और मांगों तक ही सीमित होकर रह गया था।
अब क्यों जगी है नई उम्मीद?
अब एक बार फिर यह विषय चर्चा में है और उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, जिन्होंने हाल ही में आगरा का दौरा किया था, उन्होंने संकेत दिया है कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री के साथ बातचीत के बाद ताजमहल को नवीनतम तकनीक के प्रयोग से रात्रि में देखने की योजना पर लगातार कार्य हो रहा है। इसका अर्थ है कि अब उस पुराने प्रयोग से आगे बढ़ते हुए, नई टेक्नोलॉजी और सुरक्षित प्रकाश व्यवस्था के साथ इस सपने को दोबारा सच किया जा सकता है, जिससे धरोहर को कोई नुकसान न हो।
पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया जीवन
अगर ताजमहल रात में खुलता है, तो यह न केवल विदेशी पर्यटकों को ज्यादा देर तक आगरा में रुकने के लिए प्रोत्साहित करेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बड़ा बढ़ावा देगा। इससे होटल उद्योग, कैब सेवाएँ, रेस्टोरेंट, और अन्य स्थानीय व्यापारों को सीधा लाभ मिलेगा। यह आगरा को ‘वन डे टूरिज्म’ की छवि से उबरने में मदद करेगा और इसे एक प्रमुख रात्रिकालीन पर्यटन हब के रूप में स्थापित कर सकता है।
संभावनाएं और जिम्मेदारियां
हालांकि, रात्रि दर्शन की योजना को साकार करने के साथ-साथ यह भी अत्यंत आवश्यक है कि ताजमहल की संरचना, उसके पत्थरों, जैविक संतुलन और सुरक्षा के हर पहलू पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गहन मूल्यांकन किया जाए। यह केवल एक पर्यटकीय रोमांच का विषय नहीं है, बल्कि एक अमूल्य विश्व धरोहर की संवेदनशीलता और उसके संरक्षण से भी जुड़ा हुआ है। प्रशासन को सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करते हुए ही कोई ठोस निर्णय लेना होगा।