आगर: आगरा शहर में बुधवार सुबह एक ऐसी हृदय विदारक घटना सामने आई, जहां अगर पुलिस की त्वरित कार्रवाई न होती, तो एक हंसता-खेलता परिवार तबाह हो सकता था। पति-पत्नी के बीच हुए एक मामूली घरेलू विवाद ने इतना विकराल रूप ले लिया कि दोनों ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने का प्रयास किया। सौभाग्य से, उनके बेटे की सूझबूझ और डायल 112 (Dial 112 Agra) की तत्परता ने उनकी जान बचा ली।
क्या थी घटना?
यह सनसनीखेज घटना आगरा के सूर्य नगर स्थित बसेरा इंक्लेव की है। जानकारी के अनुसार, ललित और मीरा नामक दंपति के बीच मंगलवार रात को किसी बात को लेकर तीखी नोकझोंक हो गई। यह विवाद इतना बढ़ गया कि बुधवार सुबह दोनों ने आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाने का फैसला कर लिया।
पत्नी मीरा ने पहले अपनी कलाई की नस काट ली। इसके बाद, पति ललित ने खुद को बाथरूम में बंद कर लिया और अपनी कलाई पर भी कट के निशान बना लिए। घर में चारों तरफ खून बिखरा हुआ था, जो इस गंभीर प्रयास की भयावहता को दर्शाता है।
बेटे ने बचाई जान: डायल 112 को किया कॉल
दंपति के बेटे को अनहोनी का आभास हो गया। उसने बिना देर किए तत्काल डायल 112 (UP Police Dial 112) पर फोन कर पुलिस को सूचना दी। पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) 6511 में तैनात प्रभारी नरेश कुमार और उनके चालक बेताल कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गए।
घर का दृश्य देखकर पुलिसकर्मी भी सकते में आ गए। पत्नी मीरा बेहोशी की हालत में पड़ी थीं और पति ललित बाथरूम में अंदर से बंद थे। दोनों की हालत बेहद गंभीर थी।
पुलिस की सूझबूझ और मानवीयता
पुलिसकर्मियों ने तत्काल आसपास के लोगों को इकट्ठा किया और बाथरूम का दरवाजा तोड़कर ललित को बाहर निकाला। दोनों की नाजुक हालत को देखते हुए बिना वक्त गंवाए एम्बुलेंस बुलाई गई। पुलिस की मदद से दोनों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार, अब दोनों खतरे से बाहर हैं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
विवाद की जड़: मायके जाने पर आपत्ति
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस बड़े विवाद की मुख्य वजह पति ललित को पत्नी मीरा के बार-बार मायके फोन करने पर आपत्ति थी। ललित अपनी पत्नी को मायके में अधिक बात करने से मना करते थे, लेकिन पत्नी नहीं मानती थीं। इसी बात को लेकर मंगलवार रात दोनों के बीच भीषण झगड़ा हुआ, जिसका परिणाम बुधवार सुबह की यह दुखद घटना बनी।
पुलिस की सराहना: एक मिसाल बनी तत्परता
स्थानीय लोगों ने आगरा पुलिस (Agra Police) और विशेषकर डायल 112 की इस त्वरित कार्रवाई और मानवीयता की जमकर सराहना की है। उनका कहना है कि अगर पुलिस कुछ मिनट भी देर करती, तो शायद इस दंपति की जान नहीं बचाई जा सकती थी। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आपातकालीन स्थितियों में पुलिस का समय पर पहुंचना कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।
यह मामला घरेलू हिंसा और मानसिक तनाव के गंभीर परिणामों को भी दर्शाता है, जहां छोटे-मोटे विवाद भी जानलेवा बन सकते हैं। इस घटना से यह सीख मिलती है कि ऐसे मामलों में जल्द से जल्द मदद लेनी चाहिए और संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान खोजना चाहिए।