सीकर, राजस्थान: अगर आप या आपके परिवार में कोई ऐसा छात्र है जो NEET या JEE जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण महंगी कोचिंग और हॉस्टल फीस का बोझ नहीं उठा पा रहा, तो यह खबर आपके लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। राजस्थान के सीकर जिले में एक अभिनव पहल की गई है, जो ऐसे मेधावी लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के सपनों को साकार करने का अवसर दे रही है। इस पहल का नाम है – वंदे मातरम छात्रावास, जिसका संचालन डॉ. हेडगेवार स्मृति प्रन्यास द्वारा किया जा रहा है।
₹1000 में रहने और खाने की सुविधा: वंदे मातरम छात्रावास की खासियत
सीकर के राधाकिशनपुरा क्षेत्र में स्थित वंदे मातरम छात्रावास उन छात्रों के लिए एक आदर्श स्थान बन गया है, जो 12वीं के बाद JEE या NEET की तैयारी करना चाहते हैं, लेकिन जिनके पास संसाधनों की कमी है। यहाँ छात्रों को मात्र ₹1000 प्रतिमाह में रहने और खाने की बेहतरीन सुविधा मिल रही है। यह सुविधा पूरे महीने के लिए है, जो इसे अत्यंत किफायती बनाती है।
वर्तमान में इस छात्रावास में 36 छात्र रहकर JEE और NEET की तैयारी कर रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि ये सभी छात्र आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं और पढ़ाई में अव्वल हैं।
सख्त चयन प्रक्रिया: कैसे पाएं प्रवेश?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रों को एक सख्त चयन प्रक्रिया से गुज़रना होता है, जिसका संचालन एक प्रवेश समिति करती है। चयन के लिए कुछ प्रमुख मानदंड इस प्रकार हैं:
यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि छात्रावास का लाभ केवल उन्हीं छात्रों को मिले जो वास्तव में योग्य और ज़रूरतमंद हैं। यदि आप मेहनती हैं, अच्छे अंक प्राप्त करते हैं, लेकिन वित्तीय बाधाओं का सामना कर रहे हैं, तो यह छात्रावास आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त है।
मिलने वाली सुविधाएँ: तैयारी के लिए अनुकूल वातावरण
छात्रावास में सिर्फ रहने और खाने की सुविधा ही नहीं, बल्कि हर वो ज़रूरी सुविधा प्रदान की जाती है जो एक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र को चाहिए:
- आवास: 18 कमरे उपलब्ध हैं, जिनमें से प्रत्येक में 2 छात्र रहते हैं।
- अध्ययन सुविधाएँ: हर कमरे में स्टडी टेबल और कुर्सी।
- अन्य सुविधाएँ: आरओ (RO) पानी और केतली की व्यवस्था।
- भोजन: सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का पौष्टिक भोजन।
- विशेष आहार: सप्ताह में दो बार छात्रों को विशेष आहार (Special Diet) दिया जाता है।
- सुरक्षा: 24 घंटे वार्डन की निगरानी और सीसीटीवी सुरक्षा व्यवस्था।
- वातावरण: छात्रों को पढ़ाई के लिए शांतिपूर्ण और अनुशासित माहौल मिलता है।
कोचिंग फीस में भी मिलती है मदद!
वंदे मातरम छात्रावास की एक और उल्लेखनीय विशेषता यह है कि यह केवल रहने-खाने तक ही सीमित नहीं है। यदि किसी छात्र को कोचिंग फीस भरने में दिक्कत होती है, तो संस्था के सदस्य सीकर के प्रमुख कोचिंग संस्थानों से संपर्क करते हैं और ज़रूरतमंद छात्रों के लिए छात्रवृत्ति या फीस माफी दिलवाने में भी मदद करते हैं। यह पूरी व्यवस्था सामाजिक सहयोग से चलती है और इसमें किसी भी प्रकार की सरकारी मदद नहीं ली जाती। सीकर के स्थानीय लोग और दानदाता बढ़-चढ़कर इन छात्रों की मदद करते हैं।
कैसे करें आवेदन?
यदि आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करने होंगे:
- दस्तावेज़ तैयार करें: 12वीं की मार्कशीट, आय प्रमाण पत्र और आधार कार्ड जैसे आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें।
- छात्रावास से संपर्क करें: डॉ. हेडगेवार स्मृति प्रन्यास, वंदे मातरम चौक, राधाकिशनपुरा, सीकर स्थित छात्रावास में सीधे संपर्क करें।
- प्रक्रिया में भाग लें: प्रवेश समिति द्वारा आयोजित साक्षात्कार या टेस्ट की प्रक्रिया में भाग लें।
- प्रवेश पाएं: चयन होने पर, ₹1000 जमा करके प्रवेश प्राप्त करें।
वंदे मातरम छात्रावास सिर्फ एक हॉस्टल नहीं, बल्कि एक मिशन है – गरीब लेकिन मेहनती छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग की बड़ी-बड़ी परीक्षाओं में सफल होने का सपना पूरा करने का एक माध्यम। यहाँ पैसे की कमी नहीं, बल्कि आपकी मेहनत और लगन को प्राथमिकता दी जाती है।
अगर आप या आपके किसी जानने वाले छात्र का सपना है कि वह डॉक्टर या इंजीनियर बने, लेकिन वित्तीय बाधाएँ उसके रास्ते में आ रही हैं, तो सीकर का वंदे मातरम छात्रावास निश्चित रूप से उसका सपना पूरा कर सकता है। मात्र ₹1000 में शानदार हॉस्टल, अच्छा खाना, सुरक्षित वातावरण और कोचिंग की मदद – इतना कुछ एक ही जगह मिल रहा है।
क्या आप इस अवसर का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं?