आईफोन की हकीकत: ₹42,000 में बन जाता है सबसे महंगा iPhone, फिर क्यों ₹1.32 लाख में बिकता है? समझिये प्रोसेस

Manisha singh
5 Min Read
आईफोन की हकीकत: ₹42,000 में बन जाता है सबसे महंगा iPhone, फिर क्यों ₹1.32 लाख में बिकता है? समझिये प्रोसेस

नई दिल्ली: Apple का सबसे महंगा iPhone लाखों रुपये में बेचा जाता है, लेकिन क्या वाकई इसकी मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट इतनी ज़्यादा होती है? यह सवाल अक्सर हमारे ज़ेहन में घूमता है। पिछले साल लॉन्च हुई iPhone 16 Series का सबसे महंगा मॉडल iPhone 16 Pro Max है, जिसकी कीमत लाखों में है। आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि इस हैंडसेट को बनाने का खर्च इसकी खुदरा कीमत के आधे से भी कम है। तो फिर Apple हमसे दोगुने से भी ज़्यादा पैसे क्यों वसूलता है? आइए, आज हम iPhone 16 Pro Max की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट और इसके पीछे के कारणों को समझते हैं।

iPhone 16 Pro Max की असल मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट

पिछले साल जब iPhone 16 Pro Max लॉन्च हुआ था, उसके कुछ समय बाद मार्केट रिसर्च फर्म टीडी कोवेन (TD Cowen) की एक रिपोर्ट सामने आई थी। इस रिपोर्ट में फोन की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट का खुलासा किया गया था। टीडी कोवेन के अनुसार, iPhone 16 Pro Max के बिल ऑफ मटेरियल (BOM) की कॉस्ट $485 (लगभग ₹41,992 या ₹42,000) है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि यह कीमत iPhone 15 Pro Max के BOM ($453 या लगभग ₹39,222) से थोड़ी ज़्यादा है।

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₹41 हजार में बना फोन क्यों लाखों में बिकता है?

यह सवाल परेशान कर सकता है कि जब फोन बनाने में सिर्फ़ ₹42,000 लगते हैं, तो यह लाखों में क्यों बिकता है। यहाँ यह समझना ज़रूरी है कि BOM में केवल कच्चे माल और असेंबली की लागत शामिल होती है। फाइनल प्राइस में कई अन्य बड़े खर्च भी जुड़ते हैं, जो फोन की कुल लागत को बढ़ा देते हैं:

  • सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट: iOS ऑपरेटिंग सिस्टम, ऐप्स और लगातार मिलने वाले अपडेट्स पर Apple भारी निवेश करता है।
  • मार्केटिंग और ब्रांडिंग: Apple की मार्केटिंग रणनीति बेहद मजबूत है, जिस पर कंपनी बड़ी राशि खर्च करती है ताकि उसके उत्पादों की मांग बनी रहे।
  • रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D): नए फीचर्स, तकनीकों और बेहतर हार्डवेयर को विकसित करने में Apple अरबों डॉलर खर्च करता है।
  • लॉजिस्टिक्स और डिस्ट्रीब्यूशन: उत्पादों को दुनिया भर में शिप करने, स्टोर करने और बेचने का भी एक बड़ा खर्च होता है।
  • रिटेल ऑपरेशन: Apple स्टोर्स का संचालन और ग्राहक सेवा पर भी कंपनी का अच्छा-खासा खर्च होता है।
  • मुनाफ़ा: इन सभी खर्चों के बाद भी, Apple एक बड़ा ग्रॉस मार्जिन रखता है क्योंकि वह एक प्रीमियम ब्रांड के तौर पर खुद को स्थापित कर चुका है।
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वर्तमान में, फ्लिपकार्ट पर iPhone 16 Pro Max का 256GB वेरिएंट ₹1,32,900 में बेचा जाता है।

पार्ट्स की बढ़ी हुई कीमत

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि iPhone 16 Pro Max की कीमत में बढ़ोतरी का एक कारण इसमें इस्तेमाल किए गए हार्डवेयर (पार्ट्स) की बढ़ी हुई कीमत भी है।

  • डिस्प्ले और रियर कैमरा सिस्टम: ये दो सबसे महंगे पार्ट हैं। iPhone 16 Pro Max में इनकी कीमत लगभग ₹6,700 है, जबकि iPhone 15 Pro Max में इन पार्ट्स की कीमत क्रमशः ₹6,300 और ₹5,900 थी।
  • नई LPDDR5X RAM टेक्नोलॉजी: इस नई तकनीक के कारण रैम की कीमत ₹1,400 हो गई है, जबकि iPhone 15 Pro Max में पुराने LPDDR5 RAM की कीमत केवल ₹1,000 थी।
  • A18 Pro चिपसेट और स्टोरेज: iPhone 16 Pro Max में A18 Pro चिपसेट की कीमत लगभग ₹3,400 और स्टोरेज की कीमत ₹1,900 है।
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इन सभी तकनीकी उन्नयनों और ऊपर बताए गए अन्य खर्चों के बाद भी, Apple का ग्रॉस मार्जिन काफी अच्छा रहता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी iPhone 16 Pro Max के हर मॉडल पर बढ़िया मुनाफ़ा कमाती है। यह मुनाफ़ा ही Apple को नए प्रोडक्ट विकसित करने और अपने इकोसिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है।

 

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