लखनऊ, उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी (सपा) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का हवाला देते हुए अपने तीन विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। जिन विधायकों पर यह कार्रवाई की गई है, उनमें गोशाईगंज से विधायक अभय सिंह, गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार से विधायक मनोज कुमार पांडेय शामिल हैं।
सांप्रदायिक और जन-विरोधी नीतियों का समर्थन करने का आरोप
सपा ने इन विधायकों पर सांप्रदायिक और विभाजनकारी सियासत को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसान विरोधी, महिला विरोधी, युवा विरोधी और व्यापार विरोधी नीतियों का समर्थन करने का गंभीर आरोप लगाया है।
समाजवादी पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से जारी बयान में कहा गया, “समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में इन विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है।”
‘सुधरने का मौका दिया था, लेकिन विफल रहे’
पार्टी ने आगे स्पष्ट किया कि इन विधायकों को अपने “हृदय परिवर्तन के लिए दी गयी ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब पूर्ण हुई।” पार्टी ने यह भी चेतावनी दी कि भविष्य में भी ‘जन-विरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियाँ सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी।
समाजवादी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह अपनी मूल विचारधारा और सिद्धांतों के खिलाफ किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी ने बताया कि निष्कासित विधायकों को सुधरने का मौका दिया गया था, लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे।
सपा का कहना है कि इन विधायकों को निष्कासित करने का फैसला पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों को कायम रखने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पार्टी का लक्ष्य अपने समर्थकों और आम जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा बनाए रखना है।
क्या आपको लगता है कि इस कार्रवाई से समाजवादी पार्टी की छवि पर कोई असर पड़ेगा?