नई दिल्ली: बॉलीवुड की मशहूर फिल्म ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ की कहानी हकीकत में भी देखने को मिली है। एक मेडिकल छात्र ने कथित तौर पर NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) UG-2023 में किसी अन्य अभ्यर्थी की जगह परीक्षा दी, और हैरानी की बात यह है कि जिस अभ्यर्थी की जगह उसने परीक्षा दी, उसे बाद में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला भी मिल गया।
CBI ने दो मेडिकल छात्रों पर दर्ज की FIR
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में राजस्थान के जालौर जिले के निवासी विकास के खिलाफ मामला दर्ज किया है। CBI ने अपनी प्राथमिकी में जोधपुर के प्रवीण गोदारा को भी आरोपी के तौर पर नामजद किया है, जिसकी जगह विकास ने परीक्षा दी थी।
जानकारी के अनुसार, 7 मई 2023 को द्वारका के सेक्टर-12 स्थित केंद्रीय विद्यालय में आयोजित हुई NEET-UG परीक्षा में विकास, प्रवीण गोदारा की जगह उपस्थित हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि सिरोही के डॉ. भीम राव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के दूसरे वर्ष का छात्र विकास कथित तौर पर NEET-UG 2023 में बैठा और उसने उत्तर पुस्तिकाओं पर प्रवीण गोदारा के हस्ताक्षर और लिखावट की नकल की।
फर्जीवाड़े से सरकारी मेडिकल कॉलेज में मिला दाखिला
इस धोखाधड़ी के परिणामस्वरूप, प्रवीण गोदारा कथित तौर पर परीक्षा में पास हो गया और उसे उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित सरकारी आयुर्विज्ञान संस्थान के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में सीट मिल गई। एक अधिकारी ने बताया कि यह भी पता चला है कि दोनों छात्र वर्तमान में अपने-अपने मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर रहे हैं।
संघीय जांच एजेंसी CBI ने दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी) और 467 (जालसाजी) सहित कई अन्य धाराओं तथा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज किया है।
इस घटना ने देश की महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं की सुरक्षा और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या आपको लगता है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए परीक्षा प्रणाली में और कड़े सुधारों की आवश्यकता है?