आगरा: एक अवयस्क युवती के अपहरण, दुराचार और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी आदिल पुत्र हारून, निवासी रोडवेज कॉलोनी, थाना जगदीशपुरा, जिला आगरा, की जमानत याचिका विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने खारिज कर दी है.
पूरा मामला
थाना शमशाबाद में दर्ज मामले के अनुसार, पीड़िता के पिता ने 8 मई 2025 को अपनी अवयस्क बेटी के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी सुबह 9 बजे घर से निकली थी और शाम तक वापस नहीं आई. खोजबीन करने पर पता चला कि आरोपी आदिल, जो पीड़िता का ममेरा भाई भी है, उसे बहला-फुसलाकर भगा ले गया है. उसी दिन आरोपी की बहन ने वादी को फोन कर बताया था कि “आपका भाई आपकी बेटी को ले गया है, आपकी पुत्री आपके पास पहुंच जाएगी.” हालांकि, बेटी के वापस न आने पर वादी ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.
कोर्ट में सुनवाई
जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान, आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि आदिल वादी का भांजा है और उसका रिश्ता वादी की बेटी से तय हुआ था. उनके बीच फोन पर बातचीत भी होती थी और उन्होंने निकाह कर लिया था.
हालांकि, पीड़िता ने पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयानों में आरोप लगाया कि आदिल उसे बहला-फुसलाकर ताजमहल घुमाने के बहाने दिल्ली, मुंबई और मथुरा ले गया था, और वहां उसने उसके साथ जबरन दुराचार किया. पीड़िता ने यह भी बताया कि आरोपी की मां ने उसे धमकी दी थी कि अगर उसने आदिल के खिलाफ बयान दिए तो उसे गोली मार दी जाएगी.
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों, पीड़िता के अवयस्क होने और वादी के अधिवक्ताओं ओमवीर सिंह चाहर और एम.डी. खान के तर्कों को सुनने के बाद आरोपी की जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया.