आगरा। आवास विकास परिषद, आगरा के पदम प्राइड अपार्टमेंट फेज-1 में स्वीकृत मानचित्र के विपरीत बने अवैध निर्माण पर आखिरकार सीधी कार्रवाई की शुरुआत हो गई है। गुरुवार को नवागत अधिशासी अभियंता सूरज पाल सिंह के नेतृत्व में अवैध ढांचों को सील किया गया, जिससे वर्षों से लंबित इस विवादास्पद प्रकरण में नई गति आई है।
वर्षों से लटकी थीं फाइलें, अब उठने लगे ठोस कदम
इस प्रकरण में पूर्व में 2022 में ध्वस्तीकरण आदेश और 2023-24 में निर्माण हटाने के निर्देश पारित हुए थे, लेकिन कार्रवाई कागज़ों से बाहर नहीं निकल पाई। स्थानीय निवासी और शिकायतकर्ता सुशील कुमार पाठक ने आरोप लगाया कि तत्कालीन अधिशासी अभियंता नवजोत सिंह की लापरवाही और कुछ प्रभावशाली लोगों के हस्तक्षेप के चलते फाइलें ठंडे बस्ते में डाल दी गई थीं।
शिकायतों के बावजूद बनी रही चुप्पी
स्थानीय निवासियों की ओर से कई बार परिषद को लिखित शिकायतें भेजी गईं, लेकिन प्रशासनिक निष्क्रियता के चलते निर्माण पर कोई असर नहीं पड़ा। इससे क्षेत्रीय नागरिकों में भारी रोष था और परिषद की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे थे।
सूरज पाल सिंह के आते ही बदली तस्वीर
इस सप्ताह कार्यभार संभालने वाले सूरज पाल सिंह ने इस मामले को प्राथमिकता पर लेते हुए न सिर्फ अवैध निर्माणों की सूची तैयार कराई, बल्कि कार्रवाई का सीधा आदेश भी दिया। गुरुवार को सीलिंग की कार्रवाई शुरू की गई, जिससे यह संकेत मिला है कि परिषद अब निष्क्रिय नहीं रहने वाली।