नई दिल्ली: भारत में गाड़ी खरीदते समय अक्सर लोग इस उलझन में रहते हैं कि कौन-सी नंबर प्लेट सबसे सुविधाजनक होगी। अगर आप भी ऐसे पेशेवर हैं जिन्हें अपने काम के चलते अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होना पड़ता है, तो BH नंबर प्लेट (भारत सीरीज़) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। यह नंबर प्लेट आपको कई तरह की ‘VIP जैसी’ सुविधाएं और सहूलियतें देती है, लेकिन इसके कुछ नियम और शर्तें भी हैं, जिन्हें समझना बेहद ज़रूरी है।
तो चलिए, आसान भाषा में समझते हैं BH नंबर प्लेट से जुड़ी पूरी कहानी, इसके फ़ायदे और किसे मिल सकता है इसका लाभ।
क्या है BH नंबर प्लेट?
BH यानी भारत सीरीज़ नंबर प्लेट को केंद्र सरकार ने 15 सितंबर 2021 को लॉन्च किया था। इसका मुख्य मकसद उन लोगों को राहत देना था जिनकी नौकरी अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होती रहती है। इसमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
- सरकारी अधिकारी: केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी।
- डिफेंस स्टाफ: सेना, अर्धसैनिक बल आदि से जुड़े लोग।
- मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले लोग: ऐसी प्राइवेट कंपनियाँ जिनके कम से कम चार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यालय हैं।
BH नंबर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस पर रजिस्टर्ड वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराना पड़ता। यानी, बार-बार की कागज़ी कार्रवाई और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) के चक्कर लगाने का झंझट पूरी तरह से खत्म हो जाता है। यह उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जिन्हें हर 2-3 साल में अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराना पड़ता था।
कौन ले सकता है BH नंबर?
यह सुविधा सबको नहीं मिलती, बल्कि इसके लिए कुछ खास पात्रता शर्तें हैं:
- सरकारी कर्मचारी: केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी सीधे तौर पर BH नंबर के लिए पात्र होते हैं। उन्हें बस अपनी सर्विस आईडी दिखानी होती है।
- डिफेंस पर्सनल: भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और विभिन्न अर्धसैनिक बलों से जुड़े लोग भी इसके लिए योग्य हैं।
- प्राइवेट कर्मचारी: यदि आप किसी ऐसी निजी कंपनी या संगठन में काम करते हैं जिसके कार्यालय देश के कम से कम 4 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद हैं, तो आप भी BH नंबर के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी कंपनी से एक अधिकृत प्रमाण पत्र (Authorisation Letter) लेना होगा और वाहन खरीदते समय डीलर को देना होगा।
BH नंबर प्लेट के फ़ायदे
BH नंबर प्लेट लेने के कई बड़े फ़ायदे हैं, जो इसे अक्सर ट्रांसफर होने वाले लोगों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं:
- बार-बार रजिस्ट्रेशन का झंझट खत्म: सामान्य नंबर प्लेट वाले वाहन को अगर किसी दूसरे राज्य में 12 महीने (पहले 6 महीने था) से ज़्यादा चलाना हो, तो नए राज्य में दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। इस प्रक्रिया में समय और पैसा दोनों लगता है। BH नंबर में यह दिक्कत नहीं है; आप बेझिझक अपनी गाड़ी किसी भी राज्य में चला सकते हैं।
- टैक्स देने का नया और सुविधाजनक सिस्टम: BH नंबर पर रोड टैक्स एकमुश्त (Lump-sum) नहीं देना पड़ता, जैसा कि सामान्य नंबर प्लेट में होता है। इसके बजाय, टैक्स को हर दो साल पर जमा किया जाता है। यह प्रणाली उन लोगों के लिए बहुत सुविधाजनक है जो जल्द ही एक शहर से दूसरे शहर या एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर होने वाले होते हैं। इससे उन्हें पूरे जीवनकाल का टैक्स एक साथ देने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
- स्पष्ट और पारदर्शी टैक्स स्लैब: BH नंबर प्लेट के लिए रोड टैक्स स्लैब भी काफी साफ-सुथरा और निर्धारित है:
- ₹10 लाख तक की पेट्रोल कार: वाहन की कीमत का 8% टैक्स।
- ₹10-20 लाख की पेट्रोल कार: वाहन की कीमत का 10% टैक्स।
- ₹20 लाख से ऊपर की पेट्रोल कार: वाहन की कीमत का 12% टैक्स।
- डीज़ल वाहन: ऊपर दिए गए टैक्स स्लैब में 2% अतिरिक्त टैक्स।
- इलेक्ट्रिक वाहन: टैक्स में 2% की छूट (पर्यावरण-अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने के लिए)।
- टैक्स कितने साल देना होता है? BH नंबर प्लेट की वैधता शुरुआत में 14 साल तक होती है। इस अवधि के लिए आपको हर दो साल पर रोड टैक्स जमा करना होता है। 14 साल के बाद, रोड टैक्स हर साल के हिसाब से लिया जाएगा, जिससे लंबी अवधि में भी प्रबंधन आसान रहेगा।
यह BH नंबर प्लेट उन लोगों के लिए वाकई एक गेम-चेंजर साबित हो रही है, जिनकी गतिशीलता उनके पेशे का एक अभिन्न अंग है। यह सरकारी प्रक्रिया को सरल बनाने और नागरिकों को सुविधा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अगर आप भी इन पात्रता शर्तों को पूरा करते हैं और अक्सर ट्रांसफर होते रहते हैं, तो BH नंबर प्लेट आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।