सोशल मीडिया पर धर्म, जाति व महापुरुषों पर अभद्र टिप्पणियों से बचें, पुलिस ने सख्ती के दिए संकेत
आगरा ।सोशल मीडिया पर बिना जांचे-परखे किसी वीडियो या पोस्ट को शेयर करना, लाइक या कमेंट करना भारी पड़ सकता है। पुलिस आयुक्त आगरा ने आमजन को सतर्क करते हुए स्पष्ट कहा है कि किसी भी घटना को धर्म, जाति या संप्रदाय से जोड़ना दंडनीय अपराध है। सत्यता की जांच किए बिना वायरल सामग्री पर प्रतिक्रिया देना व्यक्ति को आरोपी बना सकता है।पुलिस आयुक्त ने सभी डीसीपी, एसीपी और थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि सोशल मीडिया पर सघन निगरानी रखी जाए। साथ ही विवाद या साम्प्रदायिक तनाव की सूचना मिलते ही संबंधित अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचें और निष्पक्ष कार्रवाई करें।मीडिया सेल 24 घंटे सक्रिय, सोशल मीडिया पर कड़ी नजर
कमिश्नरेट स्तर पर मीडिया सेल को और अधिक सक्रिय कर दिया गया है, जहां 24 घंटे पुलिसकर्मी तैनात रहकर सोशल मीडिया की निगरानी कर रहे हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है जो भड़काऊ, आपत्तिजनक या असत्य पोस्ट वायरल कर रहे हैं। पुलिस के मुताबिक पिछले एक माह में आधा दर्जन से अधिक लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
सावधानी के लिए दिशा-निर्देश
.किसी भी वीडियो या सूचना को वायरल करने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि करें।
.पीड़िता की पहचान उजागर न करें, विशेषकर दुराचार मामलों में।
.दो पक्षों के विवाद को धर्म या जाति का रंग न दें।
.किसी भी विवादित पोस्ट को शेयर, लाइक या कमेंट करने से बचें।
.किसी भी महापुरुष या समुदाय के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी न करें।
.एआई आधारित नकली वीडियो या फोटो का प्रयोग मज़ाक में भी न करें, इसका कानूनी परिणाम हो सकता है।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि कानून तोड़ने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। जनता से अपील की गई है कि सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से प्रयोग करें और किसी भी भ्रामक या भड़काऊ सामग्री से दूरी बनाए रखें।