नई दिल्ली: स्कूली बच्चों के भारी बस्तों से होने वाली परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब बच्चों के स्कूल बैग का बोझ कम करने के लिए नई ‘स्कूल बैग नीति’ लागू कर दी गई है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इस पहल का क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया है, जिससे देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में बच्चों को भारी बैग से राहत मिलेगी।
क्या है नई स्कूल बैग नीति?
यह नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत लाई गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करना है। नई नीति के अनुसार, स्कूल बैग का अधिकतम वज़न बच्चे के शरीर के वज़न का 10% ही हो सकता है। इसके साथ ही, अलग-अलग कक्षाओं के लिए बैग के वज़न की सीमा भी तय कर दी गई है:
- प्री-प्राइमरी बच्चों को अब स्कूल बैग लाने की कोई ज़रूरत नहीं होगी।
- कक्षा 1-2 के बच्चों के लिए बैग का वज़न 1.6 से 2.2 किलोग्राम तक सीमित।
- कक्षा 3-5 के बच्चों के लिए बैग का वज़न 1.7 से 2.5 किलोग्राम तक।
- कक्षा 6-7 के छात्रों के लिए बैग का वज़न 2 से 3 किलोग्राम तक।
- कक्षा 8 के छात्रों के लिए बैग का वज़न 2.5 से 4 किलोग्राम तक।
- कक्षा 9-10 के छात्रों के लिए बैग का वज़न 2.5 से 4.5 किलोग्राम तक।
- कक्षा 11-12 के छात्रों के लिए बैग का वज़न 3.5 से 5 किलोग्राम तक निर्धारित किया गया है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इस नीति को लागू करके एक सराहनीय पहल की है, जिससे बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा सकेगा। उम्मीद है कि जल्द ही अन्य स्कूल भी इस नीति को अपनाएंगे, ताकि देशभर के बच्चों को भारी स्कूल बैग के बोझ से मुक्ति मिल सके।