कोट बांध’ के रेगुलेटर की मरम्मत को राजस्थान सरकार को कहा जायेगा- सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा के प्रतिनिधि मंडल ने रखी पानी से सम्बंधित बातें

Sumit Garg
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कोट बांध’ के रेगुलेटर की मरम्मत को राजस्थान सरकार को कहा जायेगा

–रिहावली बांध के लिये कार्य योजना बनाये:जिला पंचायत अध्यक्ष

आगरा – जिला सिंचाई बंधु की बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ मंजू भदौरिया ने सिंचाई विभाग के लोअर खंड आगरा कैनाल के अधिशासी अभियंता(Irrigation Works Circle III Agra Lower Division Agra Canal Agra) को फतेहाबाद विकासखंड के रेहावली गांव में उटंगन नदी पर बांध बनाये जाने के लिए कार्य योजना बनाये जाने को निर्देश दिया।उन्होंने कहा कि उनके द्वारा यह योजना मुख्यमंत्री के संज्ञान में लायी हुई है और इसके संबंध में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियन्ता, अनुसंधान एवं नियोजन खण्ड, अलीगढ़ के द्वारा आगरा कैनाल के लोअर खंड के साथ संयुक्त सर्वेक्षण भी हा चुका है।
डा भदौरिया ने जगनेर की जल संचय संरचनाओं के अनुकूलता वाले कोट बांध (धौलपुर जनपद)के सैल्यूस गेट की मरम्मत करने के लिये तत्काल राजस्थान सरकार से संपर्क करने को निर्देशित किया।उन्होंने कहा कि कोट बांध का पानी उपयोगी है किंतु रेग्युलेटर क्षतिग्रस्त होने से बाढ़ का कारण भी बन सकता है।
डा भदौरिया ने रेहावली के उटंगन नदी के यमुना में समाने (Confluence of rivers)के क्षेत्र ,जगनेर की बंधियों की ड्रोन मैपिंग करवाये जाने का भी निर्देश दिया।
सिंचाई बंधु की बैठक में सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के सेक्रेटरी अनिल शर्मा, राजीव सक्सेना और असलम सलीमी आदि प्रतिनिधियों ने भाग लेकर उपरोक्त सहित जनपद में जल संचय संभावनाओं संबंधित कई मुददों को उठाया।

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–रेहावली बांध

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा ने जिला सिंचाई बंधु अध्यक्ष डॉ मंजू भदौरिया से आग्रह किया है कि जनपद की बहु उपयोगी रेहावली बांध योजना के संबंध में शीघ्र ही उपयुक्त प्रस्ताव तैयार करवा के शासन अग्रसरित करवायें, फतेहाबाद विकासखंड के रेहावली गांव में उटंगन नदी पर बांध बनाये जाने की को चिन्हित जनपद की एकमात्र योजना है जिसके क्रियान्वित हो जाने पर शासन की नीति के अनुरूप भूगर्भ जल रिचार्ज, जल संचय एवं नदी पुनर्जीवित (River rejuvenation )करने जैसे कई महत्वपूर्ण लक्ष्यों को पूरा करेगी।
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा की ओर कहा गया कि यमुना नदी के लो फ्लड लेवल पर पहुंचने के साथ ही उटंगन में पानी बैक मारने लगता है, इसके साथ ही अपस्ट्रीम से भी खारी,पार्वती ,डव्लू डी ड्रेन ,जगनेर की बंधियों के डिस्चार्ज आदि से बनने वाले बडे वाटरशेड का भी इसमें योगदान रहता है।बांध बनने से इस पानी को किसानों की जरूरत के अनुरूप उपयुक्त समय तक थामा जा सकेगा।यह विशाल जल संचय बटेश्वर तीर्थ के ‘नाहन पर्वों’ पर यमुना नदी में फ्रेश वाटर के रूप में जरूरत के मुताबिक डिसचार्ज भी किया जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि रेहावली बांध योजना के क्रियान्वयन के संबंध में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियन्ता, अनुसंधान एवं नियोजन खण्ड, अलीगढ़ के द्वारा अपनी टीम के साथ रेहावली गांव जाकर उ प्र सिंचाई विभाग के अनुसंधान एवं नियोजन खण्ड अलीगढ़ के इंजीनियरों की टीम के द्वारा मई, 2024 के अंतिम सप्ताह में अध्ययन किया जा चुका है।लेकिन इसके बाद की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी है। विद्य पहाड़ी श्रंखला की राजस्थान के करौली की पहाड़ियों से निकलने वाली उटंगन नदी 288 कि मी के लगभग बहते हुए रेहावली गांव में यमुना नदी में समाती(Confluence of rivers) है । राजस्थान की सीमा को यह खनुआ गांव के डाउन में छोड कर उप्र की सीमा में सिरौली गांव (फतेहपुर सीकरी विकास खंड ) से प्रवेश करती है।

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–कोट बांध का सैल्यूस गेट दुरुस्त हो

सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने जगनेर की 34 बंधियों की जलभरपूरिता की स्थिति की जानकारी के लिए ड्रोन सर्वेक्षण करवाने का आग्रह किया।इसके साथ ही जगनेर बंदियों के शीर्ष कोट बांध (राजस्थान सीमा)के सैल्यूस गेटों की मरम्मत करवा उन्हें फंक्शनल करवाये जाने का आग्रह भी अध्यक्ष से किया।सरमथुरा की पहाड़ियों की जलधाराओं के वाटरशेड से पोषित कोट बांध धौलपुर सीमा में जरूर है, किंतु इसका डिसचार्ज जगनेर की बंधियों को पोषित करता है। धौलपुर स्टेट टाइम का बना हुआ इसका सैल्यूस सिस्टम सुचारू नहीं रह गया है।फलस्वरूप बांध से पानी का डिस्चार्ज व्यवस्थित नहीं हो पाता ,अधिकांश पानी गेट के सीपेज से अनावश्यक रूप से निपट जाता है।

–डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग कमेटी की मीटिंग

सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा की ओर से डा भदौरिया से अनुरोध किया गया कि जनपद के प्रभारी मंत्री से जिला योजना कमेटी की मीटिंग आहूत करने का अनुरोध करें।जिससे कि उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग एवं नियोजन को चिन्हित योजनाओं को वित्तपोषण का मार्ग प्रशस्त हो सके।

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–रहन कलां गांव रैनीवैल योजना पर पुनर्विचार हो

सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा ने यमुना तटिय रहन कलां गांव में आठ करोड़ घन लिटर प्रतिदिन जल दोहन के लिये बनाये जाने वाले पांच रेनी वैलों को बनाई गयी योजना पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया ।इन रेनीवैलों के बनाये जाने से खंदौली, एत्मादपुर और बरौली अहीर विकास खंड के गांव प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे।ये तीनो ही विकास खंड अतिदोहित श्रेणी के हैं और इनका जलभृत तंत्र (Aquifer System) के संरक्षित एक्यूफर (Confined Aquifer ) सिस्टम के गड़बड़ाया हुआ होने से इनमें किसानों को नई बोरिंग तक के लिये अनुमति नहीं मिल पाती।
जलभृत तंत्र को रिचार्ज करने की योजना के प्रतिकूल, वृहद जल दोहन की इस योजना के क्रियान्वयन से किसको कितना लाभ मिलेगा वैचारिक मुद्दा हो सकता है किंतु किंतु रहन कलां से बाह तहसील के खिलावली गांव (जनपद का सीमांत गांव ) तक नदी बहाव व जल शून्यता की स्थिति में जरूर पहुंच जायेगी।

 

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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