संभल, उत्तर प्रदेश: चंद सेकंड की रील्स से मशहूर होने का जुनून और किसी भी तरह से पैसे कमाने का लालच युवाओं को सलाखों के पीछे धकेल सकता है। इसका ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के संभल जिले में देखने को मिला है, जहां सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाने के आरोप में महक, निशा उर्फ परी और हिना के साथ उनके कैमरामैन आलम को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
अश्लील कंटेंट से होती थी हजारों की कमाई
पुलिस की जांच में सामने आया है कि ये तीनों लड़कियां अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर रोज़ाना अश्लील इशारों और गालियों वाले वीडियो अपलोड करती थीं। इनके ऐसे वीडियो को देखने वालों की संख्या हजारों में थी, और एक-एक वीडियो पर हजारों व्यूज आते थे। यही व्यूअरशिप इनके लिए कमाई का एक बड़ा ज़रिया बन गई थी। पुलिस की पूछताछ में इन युवतियों ने कुबूल किया है कि वे सोशल मीडिया पर इस तरह का आपत्तिजनक कंटेंट अपलोड कर महीने में लगभग 35 हजार रुपये तक की कमाई कर रही थीं।
ग्रामीणों की शिकायत पर हुई कार्रवाई
संभल जिले के असमोली थाना क्षेत्र के शहवाजपुर गांव की ये तीनों लड़कियां लंबे समय से अश्लील वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर अपलोड कर रही थीं। वीडियो में इस्तेमाल होने वाली भाषा, इशारे और भंगिमाएं इतनी आपत्तिजनक थीं कि गांव के कुछ जिम्मेदार लोगों ने इसकी शिकायत सीधे पुलिस अधिकारियों से कर दी। यह शिकायत जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) केके बिश्नोई और सीओ कुलदीप सिंह तक पहुंची, जिसके बाद उन्होंने असमोली थाना प्रभारी राजीव मलिक को कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।
शिकायत के बाद असमोली थाना पुलिस ने इनके इंस्टाग्राम अकाउंट की गतिविधियों की निगरानी शुरू की। जांच में पाया गया कि अकाउंट पर नियमित रूप से अभद्र भाषा, गाली-गलौच और उत्तेजक इशारों वाली रील्स डाली जा रही थीं। पुलिस ने रविवार रात महक, परी, हिना और वीडियो बनाने वाले कैमरामैन आलम के खिलाफ मामला दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके मोबाइल डिवाइस भी जब्त कर लिए गए हैं।
वायरल होने और कमाई के लिए अश्लीलता
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में सामने आया कि इन युवतियों ने अश्लील वीडियो बनाने की शुरुआत इंस्टाग्राम पर वायरल होने की चाह से की थी। महक ने बताया कि शुरुआत में उन्हें यह सब मजे और अट्रेक्शन के लिए करना अच्छा लगा। उन्होंने बताया कि शुरू में जब वे साफ-सुथरे वीडियो बनाकर डालती थीं, तो व्यूज नहीं आते थे, लेकिन जैसे ही अश्लील भाषा का प्रयोग करने लगीं, फॉलोअर्स बढ़े और ब्रांड्स व प्रमोटर्स से पैसे आने लगे। महक का दावा है कि उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि पुलिस इस स्तर तक कार्रवाई करेगी। पुलिस के अनुसार, इन युवतियों ने व्यूअरशिप के आधार पर हर महीने 30 से 35 हजार रुपये तक कमाए और कमाई का पूरा हिस्सा चारों के बीच बंटता था।
शहवाजपुर गांव के ग्रामीणों ने पुलिस को इस मामले की जानकारी देकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाई। गांव के ही एक बुजुर्ग व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमारे गांव की बच्चियों को देखकर बाकी युवा भी उसी राह पर निकल सकते थे। हमें यह बंद कराना जरूरी था।”
पुलिस की सख्त चेतावनी और आगे की कार्रवाई
संभल के एसएसपी केके बिश्नोई ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए अश्लीलता फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट अपलोड करना एक गंभीर अपराध है और इस तरह के कंटेंट की निगरानी के लिए एक विशेष टीम बनाई जा रही है, जो ऐसे मामलों पर नजर रखेगी और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
गिरफ्तार युवतियों को मेडिकल परीक्षण के बाद न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस यह भी जानने में जुटी है कि क्या इनके पीछे किसी संगठित गिरोह का हाथ है या कोई अन्य व्यक्ति इनसे इस प्रकार के वीडियो बनवाकर फायदा उठा रहा था। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल, कैमरा, लैपटॉप और सोशल मीडिया अकाउंट को विस्तृत फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। यह भी जांच की जा रही है कि क्या इन वीडियो को किसी अन्य वेबसाइट या पोर्टल पर भी अपलोड किया गया था, जहां से और पैसे कमाए गए हों।