शिक्षामित्रों का फूटा गुस्सा: 25 जुलाई को विद्यालयों में बांधेंगे काली पट्टी, सरकार के खिलाफ करेंगे विरोध प्रदर्शन

Pradeep Yadav
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आठ वर्षों में नहीं मिला समाधान, मृतक शिक्षामित्रों को दी जाएगी श्रद्धांजलि

अलीगंज (एटा)। उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले शिक्षामित्रों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ जनपद एटा ने घोषणा की है कि 25 जुलाई को जनपद के सभी शिक्षामित्र अपने-अपने विद्यालयों पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के 2017 के फैसले के बाद सरकार की निष्क्रियता और मृतक शिक्षामित्रों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से लिया गया है।

संघ के जिला अध्यक्ष मनोज यादव ने कहा, सरकार को सत्ता में आए आठ वर्ष हो चुके हैं, लेकिन शिक्षामित्रों की दशा और दिशा दोनों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। 10,000 रुपये की अल्प मानदेही में कोई कैसे परिवार चलाए? बीमार मां-बाप का इलाज कराए? बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च कैसे सम्भाले?

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मनोज यादव ने बताया कि इलाज के अभाव में कई शिक्षामित्र और उनके परिजन दम तोड़ चुके हैं। वहीं, संघ के जिला महामंत्री हरिओम प्रजापति ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद्द किए जाने के बाद से ही शिक्षामित्र लगातार आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार ने अब तक इस और कोई ध्यान नहीं दिया है ।

शिक्षामित्र संघ के उपाध्यक्ष विजय प्रताप सिंह ने कहा, राज्य सरकार ने कई बार शिक्षामित्रों की समस्याओं को लेकर कमेटी गठित की, लेकिन आज तक न रिपोर्ट आई, न कोई राहत। सरकार का रवैया केवल आश्वासन तक सीमित रहा है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समायोजन रद्द कर दिया गया।

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मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षामित्रों को आत्महत्या न करने और बीच का रास्ता निकालने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब तक 4000 से अधिक शिक्षामित्रों की मौत हो चुकी है, जिनमें कई ने मानसिक और आर्थिक तनाव के चलते आत्महत्या तक कर ली। सरकार ने न तो संवेदना जताई, न कोई मुआवजा दिया।

शिक्षामित्रों की मांग है कि जल्द से जल्द कोई स्थाई समाधान निकाला जाए और उन्हें नियमित किया जाए, जिससे उनका जीवन सुरक्षित और सम्मानजनक हो सके।

इस विरोध प्रदर्शन में जिले के कई शिक्षामित्रों ने भागीदारी की घोषणा की है, जिनमें विजय प्रताप सिंह, एस.के. राजपूत, पूरन सिंह यादव, गोपेश कुमार, सुनील चौहान, अनिल कुमार, नीलम राठौर, प्रमोद कुमार, प्रीति सक्सेना, मीनू शाक्य, मीना बेगम, राजकिशोर, मंजू लता, निर्मला, सुमन शाक्य, मधुलिका राठौर सहित सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हैं।

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