शिवम गर्ग,
घिरोर ( मैनपुरी ) समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत समेकित शिक्षा के तत्वाधान में गुरुवार को घिरोर ब्लाक सभागार में दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी करने के लिए मेडिकल असेसमेंट कैम्प का आयोजन किया गया। कैम्प में आए लगभग 90 बच्चों से अधिक बच्चों में कुल 63 का मापन किया गया। जिसमें 42 बच्चों का दिव्यांगता का प्रमाणपत्र जारी किया गया। और 21 बच्चों को उपकरण हेतु चयन किया गया।
खंड शिक्षा अधिकारी जमील अहमद के कुशल निर्देशन में विशेष शिक्षक अमिता चौहान,प्रेम चंद्र पाण्डेय, जय सिंह चौहान, आशुतोष यादव,रेखा के देखरेख में परिषदीय विद्यालयों में अध्यनरत दिव्यांग बच्चों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए गुरुवार को मेडिकल असेसमेंट कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें 21 छात्र उपकरण के लिए छात्र रिया,पलक, हुसैन, अनुरुद्ध प्रताप, अयान, उपेन्द्र, विक्रांत, आयुष आदि को चयनित किया गया।
दिव्यांग जनों को नहीं कराया जलपान
सरकार द्वारा भले ही दिव्यांग छात्र छात्राओं के लिए लगने वाले मेडिकल असेसमेंट कैम्प में जलपान की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए हो लेकिन घिरोर में लगने वाले कैंप में किसी दिव्यांग छात्र को जलपान नहीं कराया गया है। दिव्यांग के अभिभावक मुनेश कुमार ने बताया कि 20 किलो मीटर दूरी तय करने के वाद अपने बच्चे को लेकर आए थे। लेकिन यहां जलपान की कोई व्यवस्था नहीं है। जो भी धनराशि आती है। वह केवल कागजों न ही सीमित रहती है। वही क्षेत्र की नगला नया निवासी अभिभावक गीता देवी ने बताया कि अपने बच्चों को लेकर कैप में आए थे। लेकिन यहां शिविर में कोई जलपान की व्यवस्था नहीं थी। किसी भी बच्चे को पानी तक पीने के लिए नहीं मिला। भले ही सरकार जलपान के नाम पर खर्च कर रही हो लेकिन सब खाना पूर्ति दिखाई दे रहा है। वही मौजूद लोगों में जांच कराए जाने की जिलाधिकारी से मांग की है।
शिविर में मौजूद कर्मचारी बोलने से कतराए
शिविर में मौजूद स्टाफ से जब जलपान के बारे में जानकारी की गई तो बोलने से कतराते दिखे मौजूद स्टाफ ने बताया कि किसी प्रकार की धनराशि नहीं मिली है। जिससे बच्चों को जलपान कराया जा सके।
क्या बोले समन्वयक अधिकारी
जिला समन्वयक अधिकारी रणधीर सिंह का कहना है। कि कुल 2500 रूपये जलपान के लिए आए है। अग्रिम राशि नहीं मिलती है। शायद जलपान कराया होगा।