आगरा, उत्तर प्रदेश: जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग में लंबे समय से चली आ रही अनियमितताओं और कथित भ्रष्टाचार पर जिला प्रशासन ने मुहर लगा दी है. लगातार मिल रही शिकायतों और समाचार पत्रों में प्रकाशित ख़बरों का संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में कई गंभीर खुलासे हुए हैं.
बीएसए आगरा और पटल सहायक पर कार्रवाई की संस्तुति
जानकारी के अनुसार, बीते दिनों जनपद में हुए अंतःजनपदीय स्थानांतरण और पाठ्य पुस्तकों के वितरण में लापरवाही का मुद्दा गरमाया हुआ था. पाठ्य पुस्तकों में हुई लापरवाही बीईओ सैंया को काफी भारी पड़ी थी; इस संबंध में वायरल हुए एक वीडियो के बाद बीईओ दीपक कुमार को निलंबित भी किया गया था. अब बताया जा रहा है कि सीडीओ प्रतिभा सिंह द्वारा जिला विकास अधिकारी एवं डायट प्राचार्य की संयुक्त जांच कमेटी से प्राप्त रिपोर्ट के उपरांत बीएसए आगरा जितेंद्र कुमार गोंड एवं पटल सहायक राहुल सक्सेना पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए महानिदेशक स्कूली शिक्षा को विस्तृत जांच रिपोर्ट और संस्तुति भेजी गई है.
तथ्यों को छिपाकर शिक्षकों को लाभ पहुंचाने का आरोप
सीडीओ की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि चार शिक्षकों – स्मिता तिवारी, नीमा देवी, मनोज कुमार एवं सपना बघेल – की विभाग द्वारा प्राप्त पत्रावलियों का अध्ययन करने पर स्थानांतरण आवेदन पत्र, जनपद में तैनाती की तारीख एवं वास्तविक रूप से जनपद में तैनाती की तारीखों में काफी अंतर पाया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएसए आगरा और पटल सहायक राहुल सक्सेना द्वारा मिलकर कुछ शिक्षकों को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर तथ्यों को छिपाकर पत्रावली प्रस्तुत की गई.
विद्यालयों में समय पर नहीं पहुंची किताबें, प्रधानाध्यापकों को स्वयं करना पड़ा उठान
सीडीओ की जांच रिपोर्ट के अनुसार, ब्लॉक जगनेर, शमसाबाद एवं पिनाहट के कुल 58 विद्यालयों में जुलाई के आधे माह तक बमुश्किल किताबें पहुँच सकीं. वहीं, ब्लॉक बरौली अहीर के 154 विद्यालयों में कक्षा 3 की कार्यपुस्तिकाएँ नहीं पहुँचीं, और 393 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा स्वयं जाकर किताबों का उठान करना बताया गया. जबकि विद्यालयों में किताबें एवं कार्यपुस्तिकाएँ पहुँचाने के लिए बीएसए द्वारा टेंडर जारी किया गया था. इसके बावजूद हुई यह भारी लापरवाही बेहद गंभीर मानी जा रही है.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी लिया संज्ञान, किसान नेता ने दी आंदोलन की चेतावनी

सीडीओ की जांच रिपोर्ट के अलावा, शिक्षा विभाग के इस भ्रष्टाचार का मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक भी पहुँच गया है. प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, आगरा में मृतक आश्रित कोटे से अभिनंदन शर्मा की नियुक्ति की समुचित जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
सीडीओ एवं मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्रों के बाद किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने भी इस मुद्दे पर खुलकर मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने साफ कहा है कि आगरा का बेसिक शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार से मिलने वाले मोटे बजट को अधिकारी और बाबू मिलकर डकार रहे हैं. नियमों को दरकिनार करते हुए संयोजन, निलंबन बहाली और किताब वितरण में घोटाला किया गया है. चाहर ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी अधिकारियों एवं बाबुओं को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकारी धन का गबन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करवा कर ही दम लेंगे. यह उल्लेखनीय है कि किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने इससे पहले भी विभिन्न गंभीर प्रकरणों में कार्रवाई को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायतें की थीं.
