झांसी, उत्तर प्रदेश, सुल्तान आब्दी: गरौठा तहसील के धसान और बेतवा नदियों के किनारे बसे तीन गाँवों – बरमाईन, घटियारी और खरवांच – के ग्रामीण पिछले आठ दिनों से बिजली न होने से परेशान हैं। तमाम शिकायतों के बावजूद, विभागीय अधिकारी और लाइनमैन इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। सरकार की ‘ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली’ देने की घोषणा के विपरीत, इन गाँवों में अंधेरा पसरा हुआ है, जिससे ग्रामीणों में भारी गुस्सा है।
जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन और ज्ञापन
बिजली न आने से परेशान तीनों गाँवों के सैकड़ों बिजली उपभोक्ताओं ने एकजुट होकर उपजिलाधिकारी (SDM) कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। उन्होंने उपजिलाधिकारी गरौठा, सुनील कुमार, और न्यायिक मजिस्ट्रेट, मनोज कुमार भारती, को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्रामीणों ने अपनी गंभीर समस्याओं को विस्तार से बताया और विभागीय अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया।
ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारी सरकार के आदेशों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। एक ओर सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली देने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर धसान और बेतवा नदी के टापू पर बसे इन गाँवों में आठ दिनों से बिजली नहीं है।
बढ़ती गर्मी और जंगली जानवरों का खतरा
बिजली न होने से ग्रामीण उमस भरी गर्मी में रहने को मजबूर हैं। खासकर, रात के समय समस्या और भी बढ़ जाती है। दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, और यह इलाका जंगली होने के कारण रात के अंधेरे में जंगली जीव-जंतु गाँवों की ओर आ रहे हैं। दिन में तो ग्रामीण किसी तरह काम चला लेते हैं, लेकिन रात में अंधेरे के कारण अनहोनी होने का डर लगातार बना रहता है।
एक ग्रामीण ने बताया, “हमें रात में हमेशा डर लगा रहता है। जंगली जानवर गाँव के पास तक आ जाते हैं। अंधेरे में किसी भी समय कुछ भी हो सकता है।”
ककरबई पावर हाउस से आपूर्ति, फिर भी अंधेरा
शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने यह भी बताया कि ककरबई पावर हाउस पर बिजली लगातार आ रही है, लेकिन इन तीनों गाँवों तक बिजली नहीं पहुँच रही है। कई बार विभागीय अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया गया है, लेकिन कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाया गया। इस उपेक्षा से ग्रामीणों का गुस्सा और भी बढ़ गया है।
ज्ञापन सौंपने के दौरान मोलू परिहार, राजेश सिंह परिहार, अंकित सिंह, शंकर सिंह, इंद्रजीत, रविंद्र सिंह, शिवम यादव, वीर सिंह, उपेंद्र सिंह, अजीत, रोहित, हरेंद्र सिंह प्रधान, महेश चंद्र प्रधान, आसू परिहार, संतोष, आशीष और भारत सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द उनके गाँवों में बिजली बहाल की जाए और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकलता है, तो वे आगे और बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।