किसानों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ी राहत भरी खबर दी है। अब किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) स्कीम के तहत किसानों को ₹5 लाख तक का लोन सिर्फ 4% सालाना ब्याज पर मिल सकता है। यह लोन खेती, पशुपालन और अन्य कृषि से जुड़े कामों के लिए दिया जा रहा है।
क्या है किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम?
यह स्कीम 1998 में शुरू की गई थी, जिसका मकसद किसानों को खेती और उससे जुड़े कामों के लिए समय पर और सस्ते दर पर कर्ज देना था। इस कार्ड का इस्तेमाल किसान बीज, खाद, कीटनाशक और औजार खरीदने के लिए कर सकते हैं। यह एक डेबिट कार्ड की तरह भी काम करता है, जिससे किसान ATM से पैसे निकाल सकते हैं।
सरकार 2% की ब्याज सब्सिडी और समय पर लोन चुकाने पर 3% का बोनस देती है, जिससे किसानों को प्रभावी रूप से सिर्फ 4% ब्याज देना पड़ता है। यही कारण है कि यह देश का सबसे सस्ता कृषि लोन माना जाता है।
कितना मिलेगा लोन और क्या है नई सीमा?
पहले किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लोन की अधिकतम सीमा ₹3 लाख थी। लेकिन 2025 के बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया है, जो किसानों के लिए एक बड़ी राहत है।
इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ₹2 लाख तक का लोन बिना किसी जमानत (security) के दिया जाता है। इसका मतलब है कि किसानों को ₹2 लाख तक का कर्ज लेने के लिए कुछ भी गिरवी रखने की जरूरत नहीं है। हालांकि, ₹2 लाख से अधिक के लोन के लिए बैंक अपनी नीतियों के अनुसार जमानत मांग सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड कैसे करता है काम?
किसान क्रेडिट कार्ड एक मल्टीपर्पस डिजिटल डेबिट कार्ड की तरह होता है। इसके जरिए किसान ATM, बैंक मित्र, मोबाइल ऐप और PoS मशीनों से पैसे निकाल सकते हैं या खरीदारी कर सकते हैं। कार्ड को आधार या बायोमेट्रिक पहचान से जोड़ा जाता है, जिससे लेनदेन सुरक्षित और आसान हो जाता है। यह किसानों को लंबी बैंक लाइनों से बचाता है और उन्हें खेत से ही जरूरी सामान खरीदने की सुविधा देता है।
किसान क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले लोन दो तरह के होते हैं:
शॉर्ट टर्म लोन: यह लोन बीज और खाद जैसी फसल से जुड़ी जरूरतों के लिए होता है।
टर्म लोन: यह लोन ट्रैक्टर या सिंचाई प्रणाली जैसी बड़ी और लंबी अवधि की चीजों को खरीदने के लिए होता है।
इस स्कीम ने लाखों किसानों के जीवन को सरल बनाया है और उन्हें साहूकारों के कर्ज के जाल से बचाया है।