वृंदावन: वृंदावन की विधवा माताओं का एक दल इस साल रक्षाबंधन पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए नई दिल्ली जाएगा। यह दल उन्हें 1001 हस्तनिर्मित राखियाँ और मिठाइयाँ भेंट करेगा। यह परंपरा इन माताओं के जीवन में सम्मान और खुशी लौटाने की एक पहल का हिस्सा है।
आध्यात्मिक जुड़ाव दर्शाती राखियाँ
ये अनोखी राखियाँ वृंदावन के माँ शारदा आश्रम और अन्य आश्रमों में रहने वाली विधवाओं ने तैयार की हैं। ये सभी आश्रम सुलभ इंटरनेशनल के विधवा कल्याण कार्यक्रम द्वारा संचालित हैं। इन राखियों पर भगवान राम, भगवान कृष्ण और प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरें लगाई गई हैं, जो इन महिलाओं के आध्यात्मिक और भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती हैं। पिछले कई वर्षों से ये महिलाएँ प्रधानमंत्री को राखी भेजती रही हैं।
सुलभ इंटरनेशनल के अध्यक्ष श्री कुमार दिलीप ने बताया कि चार माताएँ दिल्ली जाकर स्वयं प्रधानमंत्री को राखी बाँधेंगी। यह सुलभ द्वारा चलाई गई उस भावनात्मक यात्रा का प्रतीक है, जिसके तहत विधवाओं को मुख्य त्योहारों में शामिल किया जाता है।
कार्यशाला और उत्साह का माहौल

हाल ही में माँ शारदा आश्रम में एक राखी निर्माण कार्यशाला आयोजित की गई थी, जिसमें दर्जनों विधवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। आज, सैकड़ों विधवाएँ वृंदावन के ऐतिहासिक गोपीनाथ मंदिर में इकट्ठा हुईं, जहाँ उन्होंने राखियों को आशीर्वाद दिया और अंतिम रूप दिया। इस अवसर पर श्री कुमार दिलीप और श्रीमती नित्या पाठक भी मौजूद रहीं।
समाज में समावेशन की पहल
इस पहल की शुरुआत सुलभ आंदोलन के संस्थापक, स्वर्गीय डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने की थी। उनका उद्देश्य होली, दिवाली और रक्षाबंधन जैसे त्योहारों में इन विधवाओं को शामिल करके उनके सामाजिक बहिष्कार को समाप्त करना था।
इस वर्ष की यात्रा के लिए 70 वर्षीय चाबी शर्मा जैसी महिलाएँ बेहद उत्साहित हैं। वहीं, 81 वर्षीय मनु घोष, जो पहले भी प्रधानमंत्री को राखी बाँध चुकी हैं, ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “भले ही मैं इस बार यात्रा न कर पाऊँ, लेकिन मोदी जी के लिए राखियाँ बनाकर मुझे बहुत खुशी मिल रही है। ये सारी राखियाँ हमारे श्री मोदी भैया के लिए प्यार से भरी हैं।”
सुलभ इंटरनेशनल का यह कार्यक्रम वृंदावन की सैकड़ों विधवाओं को स्वास्थ्य सेवा, पोषण, और सामाजिक सम्मान देकर उन्हें एक नया जीवन दे रहा है।
