मथुरा, उत्तर प्रदेश – मथुरा की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। इस जघन्य अपराध के लिए दोषी पर ₹3,20,000 का अर्थदंड भी लगाया गया है। यह फैसला मंगलवार, 2 सितंबर, 2025 को अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कक्ष संख्या 2), बृजेश कुमार द्वितीय की अदालत ने सुनाया।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 26 नवंबर, 2020 की है, जब मथुरा के जैत-वृंदावन क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की का शव जंगल में मिला था। जांच में पता चला कि लड़की के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में महेश उर्फ मसुआ पुत्र किशन सिंह, निवासी तरौली सुमाली, थाना छाता को मुख्य अभियुक्त बनाया गया था।
थाना जैत-वृंदावन में इस संबंध में मुकदमा संख्या 728/2020, धारा 363, 376, 377, 302, 201 आईपीसी और पॉक्सो एक्ट व एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के तहत दर्ज किया गया था।
जांच और फैसला
तत्कालीन क्षेत्राधिकारी सदर मथुरा, रमेश कुमार तिवारी, ने इस मामले की गहन विवेचना की। उन्होंने 169 पन्नों का आरोप पत्र तैयार कर 22 जनवरी, 2021 को न्यायालय में प्रस्तुत किया था। रमेश कुमार तिवारी वर्तमान में गोला, लखीमपुर खीरी में क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात हैं।
न्यायालय ने सभी साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर अभियुक्त महेश उर्फ मसुआ को दोषी पाया। न्यायाधीश ने समाज में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक कड़ा संदेश देने के उद्देश्य से दोषी को मौत की सजा और भारी जुर्माने का आदेश दिया। यह फैसला न्याय की जीत और पीड़ितों के लिए उम्मीद की एक किरण है।
