हाथ पकड़कर आगे बढ़े, लेकिन एक फिसला और सब पानी में समा गए।आगरा के खेरागढ़ इलाके में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा हो गया। उटंगन नदी में 14 युवक पानी के तेज बहाव और गहरे गड्ढे में डूब गए। इनमें से तीन के शव बरामद हुए हैं, जबकि एक युवक को ग्रामीणों ने बचा लिया। बाकी 10 की तलाश एसडीआरएफ और गोताखोरों की मदद से देर रात तक जारी रही। हादसे से गांव कुशियापुर डूगरवाला में चीख-पुकार और मातम छा गया।
ग्रामीणों का आरोप: सुरक्षा इंतजाम न होने से हुआ हादसा
गांव के लोगों का कहना है कि विसर्जन स्थल पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। बचाव दल पहले से मौजूद होता तो इतनी बड़ी त्रासदी टल सकती थी। गुस्साए ग्रामीणों ने एसडीआरएफ की टीम देर से पहुंचने पर जाम लगाया। बाद में अधिकारियों के समझाने पर लोग शांत हुए।
कैसे हुआ हादसा?
गांव कुशियापुर के 40–50 लोग दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए नदी किनारे पहुंचे थे। प्रतिमा को ले जाने के लिए 14 युवक और किशोर पानी में उतरे। सबने एक-दूसरे का हाथ पकड़ रखा था ताकि कोई फिसले नहीं। लेकिन अचानक एक युवक का पैर नदी के गहरे गड्ढे में फिसल गया और उसके साथ बाकी युवक भी खिंचते चले गए। पानी में डूबते देख लोग चीखने लगे, लेकिन मौके पर बचाव के साधन नहीं थे।
इस पूरी घटना पर प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे की सूचना पर जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी और डीसीपी पश्चिम अतुल शर्मा मौके पर पहुंचे। डीसीपी ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के लिए तय स्थल पर पुलिस की ड्यूटी थी, लेकिन ग्रामीण नदी के बीच गहराई तक चले गए, जहां हादसा हो गया। स्थानीय गोताखोरों और पुलिस ने बचाव कार्य शुरू किया। एक युवक विष्णु को जीवित निकाला गया, लेकिन ओमपाल, मनोज और गगन की मौत हो गई।
गांव में मातम का माहौल
हादसे के बाद गांव में कोहराम मचा है। मृतकों में पांच नाबालिग भी शामिल बताए जा रहे हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।