मैनपुरी: सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी तथा सादगी और ईमानदारी की प्रतिमूर्ति लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (2 अक्टूबर) के अवसर पर मैनपुरी के कई विद्यालयों में अध्यापकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के आदेशों को पूरी तरह हवा-हवाई कर दिया। विभिन्न स्थानों पर हुए समारोहों के विपरीत, इन विद्यालयों में न तो ध्वजारोहण हुआ और न ही महापुरुषों को याद किया गया।
12 बजे तक इंतज़ार करते रहे बच्चे
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कई प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों के बच्चे दिन के 12 बजे तक अपने गुरुजी का इंतजार करते रहे, लेकिन ध्वजारोहण के लिए कोई भी अध्यापक स्कूल नहीं पहुंचा।
क्षेत्र के शास्त्री नगर गांव में स्थित कंपोजिट विद्यालय में 2 अक्टूबर को ध्वजारोहण नहीं हुआ, जबकि बच्चे शिक्षकों का इंतज़ार करते रहे। वहां मौजूद एक ग्रामीण ने बच्चों का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया, जिसने शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही को उजागर किया। इसी तरह, कुंजलपुर गांव के विद्यालय में भी ध्वजारोहण नहीं हो सका। इसके अतिरिक्त, क्षेत्र के कई अन्य विद्यालयों में भी यही स्थिति बनी रही।
ग्रामीणों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
शिक्षकों की इस घोर लापरवाही और राष्ट्रीय पर्व के अपमान से स्थानीय ग्रामीणों में भारी रोष है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से इस पूरे मामले की गहन जांच कराने और जिम्मेदार शिक्षकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
इस मामले में जब खंड शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी मिली है। वह इस संबंध में जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने शिक्षा विभाग में अनुशासन और राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति शिक्षकों की प्रतिबद्धता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।