आगरा मेट्रो निर्माण में आई ‘रॉकेट’ रफ़्तार! सिकंदरा कॉरिडोर पर यू-गर्डर लॉन्चिंग से दिखी प्रगति की नई तस्वीर

Jagannath Prasad
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आगरा। उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी आगरा में विश्वस्तरीय मेट्रो रेल प्रणाली का सपना अब तेज़ी से हकीकत बन रहा है। आगरा मेट्रो रेल परियोजना अपने निर्माण के अगले महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुकी है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने पहले कॉरिडोर (ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा) के शेष एलिवेटेड सेक्शन पर काम की गति कई गुना बढ़ा दी है। इस नवीनतम प्रगति में, स्टेशन प्लेटफार्म तल के निर्माण हेतु भारी-भरकम यू-गर्डर (U-Girder) रखे जा रहे हैं, जिससे परियोजना का दृश्य रूप से एक बड़ा और निर्णायक बदलाव दिखाई दे रहा है।

पहला कॉरिडोर: आईएसबीटी स्टेशन पर गर्डर लॉन्चिंग

पहले कॉरिडोर के गुरु का ताल से सिकंदरा तक के भाग में, आईएसबीटी स्टेशन के प्लेटफार्म तल पर अब तक तीन यू-गर्डर सफलतापूर्वक स्थापित किए जा चुके हैं। यह कार्य आगरा मेट्रो को परिचालन की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाता है।

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तकनीकी विशेषताएँ:

स्टेशन के लिए विशेष गर्डर: ये यू-गर्डर विशेष रूप से स्टेशन संरचना के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

आकार और शक्ति: ये सामान्य वायाडक्ट यू-गर्डर की तुलना में आकार में छोटे लेकिन तकनीकी रूप से कहीं अधिक सशक्त हैं।

सुरक्षा और सटीकता: इन भारी-भरकम गर्डरों को उनके स्थान पर स्थापित करना एक जटिल इंजीनियरिंग प्रक्रिया है।

सामान्य वायाडक्ट गर्डर: लगभग 28 मीटर लंबा और 160 टन वज़नी होता है।

लॉन्चिंग प्रक्रिया: स्टेशन निर्माण के गर्डरों को पियर कैप पर रखने के लिए दो 500 टन क्षमता वाली क्रेनों** की सहायता ली जाती है।

पूरी प्रक्रिया की निगरानी अनुभवी इंजीनियरों की टीम द्वारा की जाती है, जहाँ सुरक्षा और सटीकता सर्वोच्च प्राथमिकता होती है।

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दूसरा कॉरिडोर: गुणवत्ता और दक्षता पर ज़ोर

आगरा मेट्रो का दूसरा कॉरिडोर, जो आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक फैला हुआ है, उसमें भी निर्माण कार्य तेज़ रफ़्तार से जारी है।

इस कॉरिडोर में पियर कैप और यू-गर्डर के निर्माण का काम प्रगति पर है।

डौकी स्थित कास्टिंग यार्ड में कास्टिंग का कार्य किया जा रहा है। यह कास्टिंग यार्ड निर्माण की उच्च गुणवत्ता, स्थायित्व और दक्षता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

परिचालन की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति

आगरा मेट्रो पहले ही अपनी प्रतिबद्धता साबित कर चुकी है।

प्राथमिकता खंड चालू: पहला कॉरिडोर (ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा) का प्राथमिकता खंड— ताज ईस्ट गेट से मनकामेश्वर मेट्रो स्टेशन तक— पहले से ही सफलतापूर्वक चालू है।

भूमिगत स्टेशन: शेष खंड में स्थित चार भूमिगत स्टेशनों का सिविल कार्य अब पूर्ण हो चुका है और निकट भविष्य में यहां परिचालन शुरू होने की प्रबल संभावना है।

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यूपीएमआरसी ने एक बार फिर दोहराया है कि वह आगरा के निवासियों को एक विश्वस्तरीय, सुरक्षित और सुविधाजनक मेट्रो रेल प्रणाली प्रदान करने के लिए निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्य पूरा करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

जन सुविधा और सुरक्षा का विशेष ध्यान

यूपीएमआरसी निर्माण के साथ-साथ जन सुविधा पर भी विशेष ध्यान दे रहा है। निर्माण क्षेत्र में जन सुरक्षा और सुगम आवागमन बनाए रखने के लिए गड्ढों को तुरंत भरा जा रहा है।साइट की पहुँच बनाए रखने पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है।

 

 

 

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