सुल्तान आब्दी
झांसी उत्तर प्रदेश – झांसी शहर के कुरैश नगर में हज और उमरा यात्रा पर जाने वाले हाजियों के लिए भव्य इस्तकवालिया कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द का प्रतीक भी बना। सैकड़ों हाजियों और उनके परिवारों ने इस अवसर पर हिस्सा लिया और हज-उमरा यात्रा की तैयारी की खुशी साझा की।कार्यक्रम की शुरुआत में आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के बुंदेलखंड अध्यक्ष प्रभारी सैयद सादिक अली एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने रेलवे स्टेशन पर फूल मालाएं पेश कर हाजियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने हाजियों के लिए खुशहाली और सुरक्षित यात्रा की दुआएं कीं।
हज और उमरा की फज़ीलत पर विशेष प्रकाश
मुस्लिम धर्म गुरु मुफ्ती अमान सिद्दीकी मंजरी (पेश इमाम, मदीना मस्जिद, मरकज अहले सुन्नत वल जमात) ने हज और उमरा की धार्मिक महत्ता और फज़ीलत के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने हाजियों को देश की खुशहाली, भाईचारे और अपने परिवार की खुशियों के लिए प्रार्थना करने की प्रेरणा दी कार्यक्रम में उमरा करने वाले कारी फुरकान रज़ा (पेश इमाम, रज़ा मस्जिद), चौधरी रईस कुरैशी, सरफुद्दीन कुरैशी, छोटू नल बाले, रज़ा हनीफ कुरैशी, बककी कुरैशी, इरफान कुरैशी, अजमेरी कुरैशी, समीर कुरैशी, रफीक अहमद कुरैशी, शहीद कुरैशी, जकीर कुरैशी, हाफिज कारी अबरार कुरैशी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। उन्होंने हाजियों को शुभकामनाएँ दी और उन्हें यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य धार्मिक और सामाजिक आदर्शों की जानकारी दी।हाजियों को दिया गया सुरक्षित सफर का आशीर्वाद
कार्यक्रम के दौरान हाजियों में हाजी अशफाक कुरैशी, राईस खान, मोहम्मद मुकीम कुरैशी, राशिद कुरैशी, शकील कुरैशी, फुरकान खान, मोहम्मद कलाम कुरैशी राष्ट्रीय सचिव कुरैश कॉन्फ्रेंस सामाजिक संस्था रजि सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। सभी हाजियों को मक्का-मदीना शरीफ की यात्रा के लिए दुआएं और आशीर्वाद के साथ रवाना किया गया।इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजनों से न केवल धार्मिक आस्था मजबूत होती है, बल्कि समाज में भाईचारे और सौहार्द की भावना भी बढ़ती है। हाजियों और उनके परिवारों ने आयोजन के लिए आयोजकों और स्थानीय समाजसेवी संगठनों का धन्यवाद किया।यह भव्य स्वागत समारोह कुरैश नगर में धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व का प्रतीक बन गया और हाजियों की यात्रा को और भी यादगार बना दिया।