एटा/जलेसर: साधारण पृष्ठभूमि से असाधारण सफलता की कहानी
एटा/जलेसर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के एटा जिले की जलेसर तहसील के अगरपुर गाँव की पंचायत देवकरनपुर में इन दिनों खुशियों का माहौल है। इस खुशी की वजह है गाँव के एक साधारण किसान के बेटे रवेन्द्र कुमार यादव का भारतीय जल सेना (Indian Coast Guard – भारतीय तट रक्षक) में सफल चयन। रवेन्द्र कुमार की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गाँव के लिए गर्व का विषय बन गई है। उनकी कहानी यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत, अटूट लगन और मजबूत इच्छाशक्ति से आर्थिक तंगी जैसी विपरीत परिस्थितियों को भी पार किया जा सकता है।
सफलता की उड़ान: संकल्प और समर्पण
रवेन्द्र कुमार के पिता, श्री तेजवीर सिंह, एक किसान हैं, जिन्होंने सीमित आय और अनेक संघर्षों के बीच अपने परिवार का पालन-पोषण किया। उन्होंने कठिन परिश्रम करके रवेन्द्र की शिक्षा पूरी करवाई। संसाधनों की कमी के बावजूद, रवेन्द्र ने अपने लक्ष्य से कभी ध्यान नहीं भटकाया।
अपनी शैक्षणिक यात्रा में, रवेन्द्र ने जलेसर के प्रतिष्ठित सरकारी विद्यालय, एम जी एम इंटर कॉलेज से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएँ उत्तीर्ण कीं। इसके बाद उन्होंने गाजियाबाद से पॉलिटेक्निक और कानपुर से बी.टेक. की पढ़ाई पूरी की। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद, उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में खुद को झोंक दिया और आखिरकार, अथक प्रयास के बल पर भारतीय तट रक्षक (नेवी) में अपनी जगह सुनिश्चित की।
गाँव में जश्न का माहौल: ढोल-नगाड़ों से हुआ स्वागत
जैसे ही यह गौरवपूर्ण समाचार देवकरनपुर गाँव पहुँचा, चारों ओर जश्न का माहौल छा गया। ग्रामीणों ने एकजुट होकर रवेन्द्र कुमार के घर का रुख किया और उनके माता-पिता को इस महान सफलता पर हार्दिक बधाई दी।
इस होनहार युवा का स्वागत ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ किया गया। गाँव वालों ने रवेन्द्र को फूल-मालाएं पहनाकर सम्मानित किया। उनकी इस उपलब्धि को पूरे गाँव की जीत के रूप में देखा गया और सभी ने उन पर अपना गर्व व्यक्त किया।
माता-पिता की आँखों में खुशी के आँसू
बेटे की इस शानदार सफलता पर रवेन्द्र के माता-पिता भावुक हो उठे। उनकी आँखों में खुशी के आँसू थे।
रवेन्द्र की माँ ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारा बेटा एक दिन इतना बड़ा अफसर बनेगा। यह सब उसकी अथक मेहनत का परिणाम है। उसकी लगन रंग लाई है।” पिता, तेजवीर सिंह जी ने गर्व से कहा, “आज मेरा सिर गर्व से ऊँचा हो गया है। रवेन्द्र ने सिर्फ हमारे परिवार का ही नहीं, बल्कि पूरे गाँव और क्षेत्र का नाम रोशन किया है।”
युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत
रवेन्द्र कुमार यादव का भारतीय तट रक्षक में चयन, गाँव और आस-पास के क्षेत्र के अन्य युवाओं के लिए एक बड़ा प्रेरणा स्रोत बन गया है। अनेक युवाओं ने यह स्वीकार किया कि रवेन्द्र की कहानी ने उनमें भी बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला भरा है।
गाँव के लोगों ने रवेन्द्र कुमार को सम्मानित करते हुए कहा कि वे पूरे गाँव के लिए एक मिसाल हैं, जिन्होंने यह सिखाया है कि समर्पण और कठिन परिश्रम से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।
रवेन्द्र कुमार जल्द ही अपनी ट्रेनिंग के लिए रवाना होंगे, जहाँ से वे भारतीय जल सीमा की रक्षा करते हुए आसमान की ऊंचाइयों को छूते हुए देश की सेवा करेंगे।