सोनभद्र में ‘के न्यूज चैनल’ के पत्रकार आलोक पति तिवारी पर जानलेवा हमला हुआ है। हमला तब हुआ जब पत्रकार एक खेल के मैदान पर हुए अवैध अतिक्रमण से जुड़ी खबर कवर कर लौट रहे थे। गंभीर रूप से घायल पत्रकार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना से जिले के पत्रकारों में गहरा आक्रोश है और वे हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में पत्रकारों की सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़ा हो गया है। अवैध अतिक्रमण के खिलाफ खबर चलाने की कीमत एक पत्रकार को अपनी जान पर खेलकर चुकानी पड़ी है। राबर्ट्सगंज क्षेत्र के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ‘के न्यूज चैनल’ के पत्रकार आलोक पति तिवारी पर जानलेवा हमला हुआ है, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
खबर कवरेज के बाद लौटते समय हुआ हमला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पत्रकार आलोक पति तिवारी ने 4 अक्टूबर 2025 को मुख्यमंत्री पोर्टल संख्या: 40020025014121 पर ग्राम देवरी खुर्द में खेल के मैदान पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटवाने के लिए शिकायत दर्ज कराई थी। इसी शिकायत के आधार पर, वह अपने पत्रकार मित्र सुभाष पाण्डेय के साथ 21 अक्टूबर 2025 को खबर कवरेज करके लौट रहे थे।
शिकायतकर्ता/पीड़ित आलोक पति तिवारी ने कोतवाली प्रभारी, राबर्ट्सगंज को दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया कि 21 अक्टूबर 2025 को रात करीब 09:40 बजे, जब वह अपने मित्र को छोड़कर ग्राम-देवरी खुर्द में दुधनाथ पासवान के घर के सामने से गुजर रहे थे, तभी उन पर सुनियोजित तरीके से हमला किया गया।
लाठी-डंडे और धारदार हथियारों से किया गया वार
प्रार्थना पत्र में आठ हमलावरों के नाम हैं, जिनमें सावन कुमार यादव (35 वर्ष), राजीव यादव (28 वर्ष), संजीव यादव (30 वर्ष), माझिल यादव (28 वर्ष), शिव लोचन यादव (60 वर्ष), राहुल यादव (32 वर्ष), राम सजीवन यादव (50 वर्ष) और राम मूर्ति यादव (50 वर्ष) शामिल हैं। ये सभी ग्राम देवरी खुर्द के निवासी बताए गए हैं।
आरोप है कि इन सभी हमलावरों ने एकजुट होकर लाठी, डंडे, कुल्हाड़ी और भाला जैसे हथियारों से पत्रकार पर जानलेवा हमला कर दिया, जिससे वह लहूलुहान हो गए। पीड़ित पत्रकार की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। हमलावरों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी, माँ-बहन की भद्दी-भद्दी गालियाँ दीं और उनसे ₹3000 रुपये नकद तथा सोने की चेन भी छीन ली। इतना ही नहीं, उनकी मोटरसाइकिल UP 64 AR 4948 को भी बुरी तरह तोड़-फोड़ दिया गया।
गाँव वालों की मदद से बची जान
हमले के दौरान मौके पर गाँव वालों के पहुंचने और हस्तक्षेप के कारण ही पत्रकार आलोक पति तिवारी की जान बच सकी। पीड़ित ने पुलिस से उक्त अभियुक्तों के खिलाफ तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कर उचित कानूनी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।
पत्रकारों में गहरा आक्रोश, गिरफ्तारी की मांग
इस घटना को लेकर जनपद के मीडिया जगत में गहरा आक्रोश है। पत्रकारों ने एकजुट होकर इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया है। पत्रकारों ने प्रशासन से मांग की है कि हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और पत्रकार को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
मीडियाकर्मियों का कहना है कि पत्रकारिता जैसे जोखिम भरे पेशे में सच दिखाने वालों पर इस तरह के जानलेवा हमले दुर्भाग्यपूर्ण हैं और यदि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो पत्रकारों का मनोबल टूटेगा और समाज में अतिक्रमण व अपराध को बढ़ावा मिलेगा।