सुल्तान आब्दी
झाँसी उत्तर प्रदेश – प्रभारी मंत्री बोली जिले में कही नही हो रहा कटान,
पर्यावरण को खतरा, — जिम्मेदारों की चुप्पी सवालों के घेरे में
एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर झाँसी जिले में हरे-भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ग्रामीण इलाकों में खुलेआम अवैध कटान जारी है, लेकिन जिम्मेदार विभागों की चुप्पी इस पूरे खेल पर पर्दा डाले हुए है।
सूत्रों के अनुसार, जिले के कई क्षेत्रों — मऊरानीपुर, बबीना, बड़ागाँव और समथर — में पिछले ढेड़ सालों से रातों-रात हरे पेड़ काटे जा रहे हैं। दर्जनों नीम, शीशम, आम और बबूल के पेड़ गिराए जा चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि कई जगह वन विभाग की मिलीभगत के आरोप भी सामने आ रहे हैं।

बताया गया है कि मऊरानीपुर तहसील क्षेत्र में इन दिनों जगह जगह भारी मात्रा में कटे हुए पेड़ो के ढेर देखे जा सकते है। जब इस संबंध में स्थानीय मऊरानीपुर वन क्षेत्राधिकारी कृष्णपाल द्विवेदी से जानकारी चाही तो उन्होंने पूरे मामले में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया।
वही जब इस संबंध में जिले की प्रभारी मंत्री बेबी रानी मौर्य से जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि जिले में कही भी अवैध कटान नही हो रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि रात के अंधेरे में ट्रैक्टर-ट्रॉली और मिनी ट्रक से लकड़ी बाहर भेजी जा रही है। कई बार शिकायतें करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इसी रफ्तार से हरे पेड़ काटे जाते रहे तो आने वाले सालों में झाँसी का तापमान और बढ़ जाएगा। जिले में ग्रीन कवर पहले से ही औसत से कम है, ऐसे में यह अवैध कटान सीधा पर्यावरण के लिए खतरा है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच कराई जा रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
